हल्द्वानी: शराब के ओवररेट की राज्य कर विभाग में दर्ज कराएं शिकायत
अंकुर शर्मा, अमृत विचार, हल्द्वानी। शराब एमआरपी से अधिक दाम पर बिक रही है और आबकारी विभाग शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। खरीदार राज्य कर विभाग में भी ओवररेट की शिकायत दर्ज कर सकता है। वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने राज्य कर विभाग को मैक्सिमम रिटेल …
अंकुर शर्मा, अमृत विचार, हल्द्वानी। शराब एमआरपी से अधिक दाम पर बिक रही है और आबकारी विभाग शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। खरीदार राज्य कर विभाग में भी ओवररेट की शिकायत दर्ज कर सकता है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने राज्य कर विभाग को मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) से अधिक रकम वसूले जाने पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सख्त लहजे में स्पष्ट किया है कि राज्य में किसी भी उत्पाद पर एमआरपी से अधिक दाम नहीं वसूले जाने चाहिए। इधर, एमआरपी से अधिक दामों पर बिक्री की शिकायत सबसे ज्यादा शराब की बिक्री में होती है।
अमूमन शराब में एमआरपी से अधिक 10 से 40 रुपये तक की वसूली की जाती है। क्रेता जब कभी आबकारी विभाग से शिकायत करता है तो औपचारिकता के लिए कार्रवाई होती है। लेकिन, एमआरपी से अधिक दाम पर बिक्री में शिकंजा नहीं कस पाता है। वित्त मंत्री के इस आदेश के बाद राज्य कर विभाग भी सख्त हो गया है। राज्य कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि राज्य में कहीं भी एमआरपी से अधिक बिक्री हो रही है तो संबंधित विभाग या राज्य कर विभाग में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। राज्य कर विभाग शिकायत पर कार्रवाई करेगा और ओवररेट बिक्री पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
शराब है नॉन जीएसटी उत्पाद
राज्य कर विभाग के अनुसार ऐसा उत्पाद जिस पर माल एवं सेवा कर नहीं लिया जाता है उसको नॉन जीएसटी उत्पाद कहते हैं। प्राकृतिक गैस, शराब, पेट्रोलियम व डीजल त्पाद, क्रूड ऑयल, टरबाइन फ्यूल, बिजली पर जीएसटी नहीं लिया जाता है जबकि अन्य सरकारी शुल्क वसूला जाता है।
शासन ने एमआरपी से अधिक दाम पर बिक्री होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यदि कोई दुकानदार ओवररेट पर बिक्री करता है तो इसकी शिकायत संबंधित विभाग के साथ-साथ राज्य कर विभाग से भी कर सकता है।
- विनय प्रकाश ओझा, उप आयुक्त, राज्य कर विभाग
