लखनऊ का पुराना हनुमान मंदिर, जहां रुकी थी मां सीता, जो बना हिंदू-मुस्लिम की आस्था का प्रतीक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का अलीगंज क्षेत्र जहां स्थित है पुराना हनुमान मंदिर। इस प्राचीन मंदिर को लेकर भक्तों में अगाध अस्था है। बताया जाता है कि इसी जगह पर जब मां सीता को वनवास भेजा गया था, तो उन्होंने यहीं विश्राम किया था, इस दौरान हनुमान जी उनकी सुरक्षा में थे, जबकि …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का अलीगंज क्षेत्र जहां स्थित है पुराना हनुमान मंदिर। इस प्राचीन मंदिर को लेकर भक्तों में अगाध अस्था है। बताया जाता है कि इसी जगह पर जब मां सीता को वनवास भेजा गया था, तो उन्होंने यहीं विश्राम किया था, इस दौरान हनुमान जी उनकी सुरक्षा में थे, जबकि लक्ष्मण अपने टीले वाले महल में चले गये थे।

6ठें नवाब सआदत अली खां की मां आलिया बेगम ने कराया

बाद में इस मंदिर का जीर्णोद्धार अवध के 6ठें नवाब सआदत अली खां की मां आलिया बेगम ने कराया था। बताया जा रहा है कि आलिया बेगम के सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिये और कहा कि इस बाग में उनकी एक मूर्ति है। जिसके बाद खुदाई कराई गयी,तो जमीने में कुछ गज नीचे यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा मिली। कहा तो यहां तक जाता है कि हनुमान जी जब हाथी के ऊपर रख कर ले जाया जा रहा था,जिससे इमामबाड़े के पास हनुमान मंदिर का निर्माण कराकर उसमें प्रतिमा स्थापित करायी जा सके। लेकिन हाथी जब इस जगह पर पहुंचा, जहां आज मंदिर है, तो प्रतिमा लेकर उससे आगे न जा सका। ऐसे में मंदिर का निर्माण इसी स्थान पर कराया गया। इस मंदिर के शिखर पर आज भी चांद का चिन्ह लगा हुआ है।

पुराने हनुमान जी के मंदिर के महान्त गोपालदास जी बताते हैं कि नवाबों के समय में यहां एक महामारी आई थी, जिसने काफी लोगों को अपनी चपेट में लिया था। उस दौरान नवाबों ने यह मान्यता मानी थी कि महामारी समाप्त हो जाये, तो भंडारा करायेंगे, तभी से भंडारे की शुरूआत हुयी।

भक्त सतीश यादव बताते हैं कि यहां पर हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से बिगड़े काम बनते हैं। जो भी मनोकमना लेकर भक्त यहां आता है वह जरूर पूरी होती है।

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