लखीमपुर-खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में पालतू हाथी मिथुन की हुई मौत
लखीमपुर-खीरी/पलिया कलां, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक लब्ध प्रतिष्ठ दुधवा टाइगर रिजर्व में लगभग 01 वर्ष पूर्व चंदौली से लाए गए करीब 50 वर्षीय नर हाथी मिथुन उर्फ मिट्ठू की आज प्रातः मौत हो गई। पार्क सूत्रों ने बताया कि वह कल से बीमार था। पालतू हाथी मिथुन की मौत की सूचना मिलते ही …
लखीमपुर-खीरी/पलिया कलां, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक लब्ध प्रतिष्ठ दुधवा टाइगर रिजर्व में लगभग 01 वर्ष पूर्व चंदौली से लाए गए करीब 50 वर्षीय नर हाथी मिथुन उर्फ मिट्ठू की आज प्रातः मौत हो गई। पार्क सूत्रों ने बताया कि वह कल से बीमार था। पालतू हाथी मिथुन की मौत की सूचना मिलते ही डीटीआर प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वनसंरक्षक व डीटीआर के उपनिदेशक कैलाश प्रकाश सहित कई वनाधिकारी सलूकापुर पहुंच गए। इसके पश्चात 03 पशुचिकित्सकों की टीम ने उसके शव का परीक्षण करना शुरू कर दिया। दुधवा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर एवं वनसंरक्षक संजय कुमार पाठक ने बताया कि हाथी के शव का अंत्यपरीक्षण के पश्चात उसका विसरा सुरक्षित कर लिया जाएगा।
बिगड़ैल मिट्ठू को रास आ चुकी थी दुधवा की आबोहवा
न्यायालय के आदेश पर चंदौली से दुधवा लाया गया बिगड़ैल हाथी मिट्ठू अब काफी सुधर गया था। उसे यहां लाए अभी एक वर्ष ही हुआ था किंतु उसके व्यवहार में काफी तब्दीली नजर आ रही थी। उसका गुस्सा शांत हो गया था और वह महावत और चारा कटर के साथ रोज आराम से जंगल जाकर अपना चारा ला रहा था और उसके पास जाने में दुधवा स्टाफ को अब कोई डर भी नहीं लग रहा था।
ज्ञात हो कि चंदौली में काफी उत्पात मचाने के बाद न्यायालय के आदेश पर बिगड़ैल हाथी मिट्ठू को वन विभाग के एक वाहन में लाद कर उसे भारत-नेपाल सीमा पर स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व की गुलरा वन चौकी पर लाकर पहले रखा गया।
जहां उसके स्वास्थ्य एवं व्यवहार की नियमित जांच होती रहती। पश्चात उसे सोनारीपुर रेंज के सलूकापुर परिक्षेत्र में अन्य पालतू हाथियों के साथ रखा जा रहा था । जहां वह अब बिल्कुल सामान्य स्थिति में था। उसके व्यवहार में अब काफी तब्दीली देखी जा रही है। वह रोज अपना चारा लेने आराम से महावत के साथ जंगल जाकर चारा लाता और उसकी आंखों में किसी प्रकार का कोई क्रोध अथवा बदला लेने की भावना नजर नहीं आती थी। यही कारण था कि उसे अब सामान्य पालतू हाथियों के साथ पर्यटकों को जंगल घुमाने के कार्य में भी लगा दिया गया था।
कल से बीमार था मिथुन, चिकित्सक द्वारा दी गई दवा नहीं आई काम
दुधवा टाइगर रिजर्व के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 50 वर्षीय मिथुन हाथी कल सुबह से अन्य मनस्क था। उसको तेज बुखार सा लग रहा था। इसीलिए कल उसने चारा भी ग्रहण नहीं किया था। दुधवा के पशु चिकित्सक डॉक्टर दयाशंकर ने यद्यपि उसे दवा दी थी किंतु संभवतः वह उसे लाभ नहीं पहुंचा सकी।
तीन चिकित्सकों के पैनल ने किया शव परीक्षण
दुधवा पार्क प्रशासन के आग्रह पर पहुंचे उप जिला पशुचिकित्सक डॉ जे बी सिंह सहित डॉ अरविंद तथा डॉ दया ने संयुक्त रूप से दुधवा के 50 वर्षीय मृत पालतू हाथी मिथुन के शव का परीक्षण किया। इसके बाद उसके बिसरा को सुरक्षित कर लिया गया।
क्या कहते हैं दुधवा के जिम्मेदार
दुधवा टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक एवं निदेशक संजय कुमार पाठक ने बताया कि करीब 01 वर्ष पूर्व बाहर से लाए गए 50 वर्षीय मिथुन हाथी की मौत हो गई है। वह कल से बीमार था। तीन चिकित्सकों के पैनल से उसके शव का अंत्य परीक्षण कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद उसके विसरा को सुरक्षित रख लिया जाएगा। इसके साथ ही अन्य हाथियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
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