आजमगढ़: संसदीय उपचुनाव के मैदान पर उतरने की तैयारी कर रहे निरहुआ, सपा पर कसा तंज
आजमगढ़। जिले में होने वाले संसदीय उपचुनाव में भाजपा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) मैदान में उतर सकते हैं। आपको बतादें कि गुरुवार को निरहुआ जनपद पहुंचे थे। इस बीच उन्होंने आजमगढ़ से सांसद रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ जमकर बयान दिए। उन्होंने अपने …
आजमगढ़। जिले में होने वाले संसदीय उपचुनाव में भाजपा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव (निरहुआ) मैदान में उतर सकते हैं। आपको बतादें कि गुरुवार को निरहुआ जनपद पहुंचे थे। इस बीच उन्होंने आजमगढ़ से सांसद रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ जमकर बयान दिए। उन्होंने अपने बयान में अखिलेश को स्वार्थी तक कह दिया।
बयान देते हुए भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ने कहा,‘मैंने साल 2019 के चुनाव के समय ही कहा था सिर्फ अखिलेश कहते थे आजमगढ़ और इटावा मेरा घर है। मगर अपने निजी स्वार्थ के लिए कभी भी आजमगढ़ को छोड़ सकते हैं और ठीक वैसा ही हुआ। वे अपने निजी स्वार्थ के लिए आजमगढ़ को छोड़कर चले गए’।
अखिलेश सांसद में रहकर भी कुछ नहीं करते थे। इसी वजह से उनके चले जाने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा करने वाले जिन्ना की विचारधारा पर चलने वाले अखिलेश अपनी पार्टी और अपने घर-परिवार के लिए कुछ नहीं करने वाले।
भाजपा ने मौका दिया तो जरूर लड़ूंगा
बयान के दौरान जब शिवपाल यादव के भाजपा में जाने के सवाल पुछा गया तब दिनेश लाल यादव ने कहा- भारतीय जनता पार्टी की अपनी विचारधारा है। अगर कोई बीजेपी की विचारधारा पर चलकर आ रहा है तो उनका स्वागत है।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरी है क्योंकि हम एक अभिनेता या नेता नहीं बल्कि हम अपने देश के लिए काम करते हैं। पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि वे लगातार आजमगढ़ के दौरे पर हैं। यहां की जनसमस्याओं से जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को अवगत कराते रहते हैं। भाजपा ने अगर उन्हें उपचुनाव के मैदान में उतारा तो वे चुनाव लड़ेंगे।
आजम और शिवपाल पर भी बोले
आजम खान पर हुई कार्रवाई को लेकर अखिलेश यादव के द्वारा चुप्पी साधने पर भी निरहुआ ने तंज कसते हुए कहा- वह अखिलेश को जितना जानते हैं, उसके आधार पर कह सकते हैं कि अखिलेश यादव खुद के अलावा किसी के बारे में नहीं सोचते। अखिलेश यादव एक बार पिता मुलायम और चाचा शिवपाल की वजह से मुख्यमंत्री बन गए थे।
मगर उनके दिमाग में अब भी वही पद कायम है। चाहे आजम खान हों, शिवपाल यादव हों या फिर आजमगढ़ की जनता अगर यह सोचें कि अखिलेश यादव उनके साथ खड़े होंगे तो अखिलेश उनके साथ खड़े नहीं हो सकते। वे अपने निजी स्वार्थ के लिए आजमगढ़ को छोड़कर चले गए’।
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