बरेली: देश को कमजोर करने के लिए घोला जा रहा नफरत का जहर

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बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत पर पूर्व सज्जादानशीन मुफ्ती रेहान रजा खान (रहमानी मियां) का 38वां एक दिवसीय उर्स-ए-रहमानी मनाया गया। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत वाली महफिल में मुसलमानों के लिए पैगाम भी जारी किया गया। कहा गया …

बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत पर पूर्व सज्जादानशीन मुफ्ती रेहान रजा खान (रहमानी मियां) का 38वां एक दिवसीय उर्स-ए-रहमानी मनाया गया। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत वाली महफिल में मुसलमानों के लिए पैगाम भी जारी किया गया। कहा गया कि फिरकापरस्त ताकतें मुल्क को कमजोर करने के लिए नफरतों का जहर घोलने का काम कर रही हैं। इनसे होशियार रहने और इनकी साजिश को नाकाम बनाने की जरूरत है।

महफिल को खिताब करते हुए मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि मुल्क के हालात आप सभी के सामने हैं। भाईचारे को मजबूत करने की सख्त जरूरत है। मुसलमानों से आह्वान करते हुए कहा कि शरयी दायरे में रहकर आपसी भाईचारे को मजबूत करने का वक्त है। ख्वाजा गरीब नवाज, साबिर पाक, वारिस पाक और आला हजरत ने अपने दरवाजे न सिर्फ मुसलमानों के लिए बल्कि सभी मजहबों चाहे हिदू, सिख, ईसाई, काले-गोरे, अमीर-गरीब के लिए बिना किसी भेदभाव के खोले लिहाजा लोगों को इस्लाम समझने का मौका दें।

उनके करीब जाएं। दूरियों से नफरत बढ़ती है। करीब आकर ही हम समाज में इस्लाम की सही तस्वीर पेश कर सकते हैं। शरयी दायरे में रहकर जिस तरह का माहौल है, उसे देखते हुए जरूरत है कि दोनों मजहब के लोग मजहब के नाम पर कोई ऐसा काम न करे, जिससे दूसरे मजहब की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। करीब आकर दिलों से नफरतें खत्म कर सकते हैं, दूर रहकर हरगिज नहीं। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस दौरान मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के सदर मुफ्ती आकिल रजवी द्वारा लिखत बुखारी शरीफ की दूसरी जिल्द का तर्जुमा (अनुवाद) इमदाद उल कारी का विमोचन दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां ने किया।

कुल की रस्म के दौरान की अमन की दुआ

दरगाह पर सुबह 9.58 बजे कुल की रस्म अदा की गई। मुल्क में अमन व खुशहाली के लिए सज्जादानशीन और मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती अफरोज आलम ने दुआ की। वहीं शाम को सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों अकीदतमंदों और उलेमा के साथ दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां व अहसन मियां ने एक इफ्तार किया।

इस मौके पर शाहिद नूरी, हाजी जावेद खान, हाजी अब्बास नूरी, परवेज नूरी, औरंगजेब नूरी,अजमल नूरी, खलील कादरी, मंजूर खान, शारिक बरकाती, शान रजा मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के सदर मुफ्ती आकिल रजवी की लिखी बुखारी शरीफ की दूसरी जिल्द का तर्जुमा (अनुवाद) इमदाद उल कारी का विमोचन दरगाह प्रमुख के हाथों कराया गया।

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