Australia: मां की सरकारी पेंशन के भरोसे पले-बढ़े एंथनी अल्बानी, अब प्रधानमंत्री चुनाव की दौड़ में होंगे शामिल

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कैनबरा। अपनी मां को सरकार से मिलने वाली पेंशन के भरोसे पले-बढ़े एंथनी अल्बानी का बचपन भले ही अभावों में बीता, लेकिन आज वह ‘ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी’ के उम्मीदवार के तौर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को चुनावों में टक्कर देने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मॉरिसन ने 21 मई को चुनाव कराने का रविवार …

कैनबरा। अपनी मां को सरकार से मिलने वाली पेंशन के भरोसे पले-बढ़े एंथनी अल्बानी का बचपन भले ही अभावों में बीता, लेकिन आज वह ‘ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी’ के उम्मीदवार के तौर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को चुनावों में टक्कर देने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मॉरिसन ने 21 मई को चुनाव कराने का रविवार को आह्वान किया। अल्बानीस का जब जन्म हुआ, उस समय उनकी मां अविवाहित थीं।

ऑस्ट्रेलिया में 1960 के दशक में रूढ़िवादी कामकाजी वर्ग के किसी रोमन कैथोलिक परिवार के लिए यह बात आम बात नहीं थी और इसे समाज में अनुचित समझा जाता था। ऐसे में अल्बानी को बचपन में यह बताया गया था कि इटली मूल के उनके पिता कार्लो अल्बानीस की यूरोप में आयरलैंड-ऑस्ट्रेलियाई मूल की उनकी मां मैरियाने एलरी से शादी करने के बाद एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी थी। उनकी मां को हड्डियों के एक पुराने रोग के कारण सरकारी पेंशन मिलती थी।

मां ने बताई सच्चाई 
जब वह 14 साल के हुए, तब उनकी मां ने उन्हें सच्चाई बताई कि उनके पिता की मौत नहीं हुई और उनके माता-पिता ने कभी शादी ही नहीं की थी। अल्बानी के माता-पिता की मुलाकात एक क्रूज पोत पर हुई थी। एलरी कैम्परडाउन में अपने माता-पिता के साथ उनके स्थानीय सरकारी मकान में रहती थी और वहीं दो मार्च, 1963 को उनके इकलौते बेटे का जन्म हुआ।

अल्बानीस ने 2002 में अपनी मां की मौत के बाद पिता की तलाश शुरू की और 2009 में उनका मिलन हुआ। वह ऑस्ट्रेलिया के परिवहन एवं बुनियादी ढांचा मंत्री के तौर पर इटली गए थे। वह लेबर पार्टी के छह साल तक सत्ता में रहने के दौरान मंत्री पद पर रहे और अपनी सरकार के आखिरी के तीन महीनों के दौरान उप प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे।

अल्बानी ने कहा, ‘‘यह हमारे देश के बारे में एक महान बात बताता है कि (अकेली) मां का बेटा ऑस्ट्रेलिया का उप प्रधानमंत्री बन सकता है, जिसकी परवरिश सिडनी में एक काउंसिल मकान में हुई।’’ बहरहाल, अल्बानीस के आलोचकों की दलील है कि उनकी पृष्ठभूमि नहीं, बल्कि वामपंथी राजनीति उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य बनाती है। वहीं, उनके समर्थकों की दलील है कि हालांकि वह लेबर पार्टी के तथाकथित समाजवादी वाम धड़े के हैं लेकिन उनमें पार्टी के रूढ़िवादी तत्वों से निपटने की क्षमता है।

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