बरेली: आरपीएफ और सीआइबी के निलंबित अधिकारी दिल्ली मुख्यालय में हुए पेश

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 बरेली, अमृत विचार। पेन्ड्रॉल क्लिप चोरी मामले में शुक्रवार देर रात आरपीएफ मुख्यालय से बरेली जंक्शन आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक विपिन शिशौदिया समेत सीआईबी के चार कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश हुआ था। शनिवार को सभी आईजी आरपीएफ के सामने पेश हुए। बयान दर्ज कराये। आरोप है कि पूरे मामले में पकड़े गए आरोपियों की …

 बरेली, अमृत विचार। पेन्ड्रॉल क्लिप चोरी मामले में शुक्रवार देर रात आरपीएफ मुख्यालय से बरेली जंक्शन आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक विपिन शिशौदिया समेत सीआईबी के चार कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश हुआ था। शनिवार को सभी आईजी आरपीएफ के सामने पेश हुए। बयान दर्ज कराये।

आरोप है कि पूरे मामले में पकड़े गए आरोपियों की जमानत जल्द कराने और उन्हें इस केस से बचाने के नाम पर आरपीएफ और सीआईबी अधिकारियों ने पैसे मांगे थे। उनको प्रताड़ित भी किया गया। आरपीएफ निरीक्षक विपिन कुमार शिशौदिया, सीआईबी निरीक्षक रतिश शर्मा, राहुल राणा, सीआइबी का सिपाही हरवीर समेत मुरादाबाद के पैसेंजर सिक्योरिटी निरीक्षक पूर्व में सीआईबी के निरीक्षक रहे सीपी सिंह को दिल्ली स्थित मुख्यालय तलब किया गया है।

दरअसल, रेलवे के दो सीनियर सेक्शन इंजीनियरों समेत अन्य आरोपियों को 22 लाख रुपये कीमत की पेंड्रोल क्लिप मामले में आरपीएफ और सीआइबी पर जांच के दौरान ही तमाम गंभीर आरोप लगे थे। जिसके बाद जांच आरपीएफ निरीक्षक रामपुर को ट्रांसफर की गई। फिर मुरादाबाद आरपीएफ आरआई शिखा मालिक को जांच दी गई।

पिछले हफ्ते वह जंक्शन पर जांच के लिए भी पहुंची थीं और तमाम दस्तावेज खंगाले गए थे। मामले में प्रभारी निरीक्षक समेत सीआईबी के अधिकारियों की भी भूमिका पर सवाल खड़े हुए। आरोपियों को जल्द छोड़ने के नाम पर रिश्वत देने की लिखित शिकायत तक हुई। जांच के लिए दिल्ली से आरपीएफ आईजी डा. एसएन पांडेय भी जंक्शन पहुंचे थे साथ ही उन्होंने सीबीगंज स्थित रेलवे के सेंट्रल गोदाम का भी निरीक्षण किया था।

शुरुआत में जब यह मामला सामने आया तो आरपीएफ ने अपनी बड़ी कामयाबी के तौर पर इसे पेश किया। आईजी ने खुलासा करने वाली टीम को ईनाम भी दिया था मगर अब यही टीम सवालों के घेरे में आ चुकी है। शिकायतें मुख्यालय तक पहुंची तो जांच के बाद दोषी मानते हुए सभी को निलंबित किया गया है।

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