अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने जयशंकर से फोन पर की बात, इन मुद्दों पर की बात

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वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने मंगलवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बात की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि ब्लिंकन और जयशंकर ने मौजूदा घटनाक्रम पर निकट समन्वय बनाए रखने …

वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने मंगलवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बात की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि ब्लिंकन और जयशंकर ने मौजूदा घटनाक्रम पर निकट समन्वय बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

रूस से बड़ी मात्रा में रियायती कच्चा तेल खरीदने के भारत के संकेत पर पश्चिम देशों की बढ़ती परेशानी के बीच एक सप्ताह के भीतर दोनों नेताओं ने दूसरी बार फोन पर बात की है। प्राइस ने कहा, ‘‘ विदेश मंत्री एंटोनी जे. ब्लिंकन ने आज भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर से यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर बात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों नेता वैश्विक घटनाक्रम पर घनिष्ठ समन्वय बनाए रखने के लिए सहमत हुए और जल्द ही दोबारा मिलने की आशा जताई।’’

जयशंकर और ब्लिंकन नियमित रूप से फोन पर बात करते हैं। दोनों के बीच कई मुलाकातें भी हुई हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे बीच टू प्लस टू वार्ता से पहले विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से द्विपक्षीय मुद्दों और यूक्रेन से संबंधित नवीनतम घटनाओं पर बात की।’’ भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता का अगला चरण वाशिंगटन में निर्धारित है। जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसके लिए वाशिंगटन जाएंगे, जहां वे अपने अमेरिकी समकक्षों ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ वार्ता करेंगे।

कुछ दिनों पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। लावरोव ने कहा था कि रूस, पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की ‘‘बाधाओं’’ को दरकिनार करने के लिए भारत और अन्य भागीदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की ओर बढ़ रहा है।

इससे पहले, पिछले हफ्ते अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भी भारत का दौरा किया था। सिंह ने आगाह किया था कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को ‘‘बाधित या नजरअंदाज’’ करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने वाले देशों को परिणाम भुगतने होंगे और अमेरिका, रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के भारत के आयात में ‘‘तेजी’’ नहीं देखना चाहेगा।

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