Ramadan 2022: रोजा के दौरान अल्लाह की इबादत के साथ खाने में शामिल करें यह पौष्टिक आहार, रहेंगे फिट
रमजान 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू हो रही हैं। रमजान के रोजा के दौरान फास्टिंग के क्या फायदे होते हैं। इस पूरे महीने में मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। मुस्लिमों को इस पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता रखना और अपनी बातों से किसी को नुकसान न पहुंचाना …
रमजान 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू हो रही हैं। रमजान के रोजा के दौरान फास्टिंग के क्या फायदे होते हैं। इस पूरे महीने में मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। मुस्लिमों को इस पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता रखना और अपनी बातों से किसी को नुकसान न पहुंचाना जरूरी होता है। इस पूरे महीने शरीर की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं।
शाम को इफ्तार की नमाज के बाद अपना रोजा खोलते हैं। रमजान के दौरान फास्टिंग करने के अपने फायदे हैं, किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए इसे स्वस्थ तरीके से करना चाहिए। फास्टिंग में भी लंबे समय तक कुछ नहीं खाया जाता। जैसे अधिकतर लोग रात 8 से सुबह 12 बजे तक कुछ नहीं खाते और फिर निश्चित समय यानी 12 से रात 8 के बीच हेल्दी फूड का सेवन करते हैं, इसे इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है।
लोगो का मानना हैं कि रमजान के महीने में रोजा के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग से न केवल आपका फैट कम होता है, बल्कि शरीर भी उन हानिकारक विषाक्त पदार्थों से मुक्त हो जाता है, जो शरीर में फैट जमा करते हैं। रमजान के दौरान 1 महीने के लंबे में आपकी बॉडी नेचुरल रूप से डिटॉक्सीफाई हो जाती है, जिससे आपको रमजान के बाद भी एक स्वस्थ जीवन शैली जारी रखने का मौका मिलता है।
रमजान के उपवास के दौरान, भोजन और पानी के बिना 12-14 घंटे से अधिक समय तक कुछ नहीं खाते है। रमजान के दौरान दिन में खाना ना खाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
फास्टिंग में इन फूड्स को करें शामिल
अपने खाने में फाइबर युक्त खाद्य फूड्स को शामिल करें। सेब, नाशपाती, बीन्स, साबुत अनाज, पॉपकॉर्न से आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर की कमी पूरी हो जाएगी। दाल और दही का सेवन जरूर करें। दही पाचन को ठीक रखने में मदद करती है और इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम भी मिलता है। साथ ही हर प्रकार के दालों का सेवन हमें दिनभर के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति करता है।
कच्चा पनीर या दूध का सेवन आपको दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा। इन खाद्यान्नों में मौजूद प्रोटीन पेट को देर तक भरा रखता है। एक गिलास दूध का सेवन करें और पनीर के चार-पांच टुकड़े खा लें। सहरी व इफ्तार दोनों ही वक्त सूखा खजूर खाने का रिवाज रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सूखा मेवा पेट को देर तक भरा रखता है और भूख भी महसूस नहीं होती। खजूर के अलावा आप काजू, बादाम किशमिश आदि का सेवन भी कर सकते हैं।
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