मुरादाबाद : प्रदर्शन को लेकर भाजपा में बवंडर, फट सकता है अंतरकलह बम
मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी यहां भाजपा में सब कुछ सामान्य नहीं है। पार्टी नियंताओं की निजी मुलाकात से लेकर विभिन्न आयोजनों में खुसुर-फुसुर का दौर जारी है। क्योंकि, विधान सभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर संगठन और पंचायती राज मंत्री की नाराजगी …
मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी यहां भाजपा में सब कुछ सामान्य नहीं है। पार्टी नियंताओं की निजी मुलाकात से लेकर विभिन्न आयोजनों में खुसुर-फुसुर का दौर जारी है। क्योंकि, विधान सभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर संगठन और पंचायती राज मंत्री की नाराजगी से कई प्रभावशाली लोगों का चेहरा अभी से उतरा नजर आ रहा है। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे हैं कि विधान परिषद चुनाव के बाद पार्टी में जारी आंतरिक कलह का बम जरूर फटेगा।
विधान सभा क्षेत्र के चुनाव में कई स्थानों पर भाजपा को उम्मीद से कम वोट मिला है। 27 सीटों वाले मंडल में विधान सभा चुनाव में महज 10 विधायक ही जीत पाए हैं। इनमें मुरादाबाद शहर से रितेश गुप्ता, बिलासपुर से बलदेव सिंह औलख, धामपुर से अशोक कुमार राणा और नहटौर से ओम कुमार की जीत का अंतर काफी कम है। यानी की हर सीट पर भाजपा उम्मीदवारों को मुश्किल से जीत मिल पायी है। माना जा रहा है कि पार्टी उम्मीदवारों को ऐसे हालात से जूझने के पीछे कुछ प्रभावशाली चेहरों की भी चाल हो सकती है।
गुटबाजी और भीतरघात के इस खेल के आम होने से कई कद्दावर नेताओं के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। मुरादाबाद की कई सीटों पर इस तरह के आरोप की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि पार्टी की समीक्षा में ऐसे आरोपों का सच सामने आने के बाद मंडल की राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका प्रभाव दिख जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
प्रदेश सरकार के मंत्री और संगठन के मंझे किरदार भूपेंद्र सिंह चौधरी के तेवर से इस बार के संकेत आम हो चुके हैं। अपने अभिनंदन कार्यक्रम में वह राजनीतिक वादाखिलाफी करने वालों पर बरसकर इस बात के कयास को जन्म दे चुके हैं। सार्वजनिक जीवन में गंभीर रहने वाले चौधरी मंच से जमकर खरी-खरी सुना चुके हैं। पंचायत भवन के कार्यक्रम में वह विरोधियों पर फट पड़े। बोले, पार्टी के भीतर मेरे आलोचक कहते हैं कि मंडल की यह स्थिति मेरे एजेंडे की वजह से हुई है। साल 2017 में यहां 14 विधायक जीते थे। अबकी यह संख्या घटकर 10 पर सिमट गयी है। चर्चा इस बात की है कि जिले की ठाकुरद्वारा और बिलारी सीट को लेकर पार्टी के लोग कुछ ज्यादा ही आश्चस्त थे। घात प्रतिघात और वैचारिक स्तर पर विभेद और शह-मात के खेल में कुछ जिम्मेदार संगठन के निशाने पर हैं।
चर्चा में है मंत्री की यह बातें
मंत्री भूपेंद्र सिंह पंचायत भवन के कार्यक्रम में बोले कि मेरे जीवनकाल में सर्वेश सिंह लगातार चुनाव लड़े। इनके सामने कभी टिकट मिलने में कोई कठिनाई नहीं आयी। वह लोकसभा चुनाव लड़े, विधानसभा भी लड़े। इसके बाद मंत्री मंच पर मौजूद मेयर विनोद अग्रवाल की ओर रुख कर गए। बोले, ये लगतार चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने हर समय मदद की। इन्हें भी कभी कोई परेशानी पड़ी।
मंडल की स्थित थोड़ी प्रतिकूल है। कार्यकर्ताओं की मेहनत का पूरा असर दिखा है। हर क्षेत्र में मतदान बढ़ा है। यहां मत विभाजन का आधार दूसरा है। ठाकुरद्वारा क्षेत्र भी कठिन है। साल 2014 के चुनाव में यहां पार्टी उम्मीदवार को पिछड़ना पड़ा था। मंडल में कुल 19 लाख लोगों ने मतदान किया है, जिसमें नौ लाख लोगों ने एकजुट होकर जनादेश दिया है। -हरिओम शर्मा, क्षेत्रीय मंत्री भाजपा
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