समय के साथ शिक्षा व्यवस्था में बदलाव जरूरी: डॉ. दिनेश शर्मा
लखनऊ। शिक्षा व्यवस्था में समय के साथ बदलाव की जरूरत पर बल देते हुये उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लगातार जारी रहने चाहिये। सीबीएसई विद्यालयों के प्रबंधकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा शर्मा ने कहा कि समय के साथ शिक्षा …
लखनऊ। शिक्षा व्यवस्था में समय के साथ बदलाव की जरूरत पर बल देते हुये उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लगातार जारी रहने चाहिये। सीबीएसई विद्यालयों के प्रबंधकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा शर्मा ने कहा कि समय के साथ शिक्षा की व्यवस्था में बदलाव जरूरी होता है। रोजगारपरक शिक्षा आज समय की आवश्यकता है। केवल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल का बोर्ड विशिष्टता की पहचान नहीं होना चाहिए बल्कि उसमे आधुनिकता के साथ ही प्राचीन परम्पराओं का समावेश भी होना चाहिए। आगे बढ़ने के साथ ही पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों का संरक्षण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले विद्यालय समाज की व्यवस्था को सुदृढ करते थे। आज शिक्षा को व्यवसाय बनाने का प्रयास हो रहा है। शिक्षा को कारोबार बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। शिक्षा जैसे पुनीत कार्य को बदनाम करने का प्रयास करने वाले तत्वों से सावधान रहना चाहिए उन पर प्रबंधकों को नजर रखी जानी चाहिए। शिक्षा क्षेत्र में सुधार लगातार जारी रहने चाहिए।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकार के पिछले कार्यकाल में प्री-लोडेड टैबलेट महाविद्यालयों को दिए गए थे। एशिया की सबसे बडी डिजिटल लाइब्रेरी बनवाई गई थी। इसमें अच्छे प्रवक्ताओं के लेक्चर मौजूद हैं। आईआईटी खडगपुर ने उसके लिए यूपी की तत्कालीन सरकार के साथ एमओयू किया। आष्ट्रेलिया के राजदूत ने भी इस पहल की सराहना की थी। भारत के लोगों की मेधा शक्ति का कोई मुकाबला नहीं है और इनके द्वारा दिए गए अच्छे लेक्चर डिजिटल लाइब्रेरी में मौजूद हैं। कोई भी व्यक्ति उनका नि:शुल्क प्रयोग कर सकता है। दुनियाभर में शिक्षा क्षेत्र में आ रहे बदलावों के अनुरूप परिवर्तन करते हुए सरकार आगे बढ रही है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में होने वाले सेमिनार और चर्चा रोजगारपरक पर शिक्षा प्रदान करने की राह बनाते हैं। भाजपा की सरकार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया था। अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके इसके लिए शिक्षकों का भी प्रशिक्षित होना आवश्यक है। नई शिक्षा नीति में भी शिक्षकों के प्रशिक्षण पर बल दिया गया है। आज शहरों के साथ गांव में भी अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो रही है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी आज नकल विहीन परीक्षा का माडल बनकर उभरा है। इसके लिए सिस्टम को सुधारा गया है। सरकारी पैसे को खर्च किए बिना ही एक लाख 94 हजार सीसीटी कैमरे लगाकर नकल पर रोक लगा दी गई। पूर्व की सरकारों में परीक्षा केन्द्रों के आवंटन के लिए भी बोली लगती थी पर भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस पर भी रोक लगाई और परीक्षा केन्द्रो के आवंटन के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई है।
यह भी पढ़ें:-बहराइच: शादी के मंडप में पहली पत्नी ने किया हंगामा, रुका निकाह, दुल्हे को कोतवाली लेकर गई पुलिस
