काशी में शुरू हुआ 3 दिन का पुतुल उत्सव, कठपुतली नाटक को मिलेगा ग्लोबल मंच
वाराणसी। जिले में आज यानि सोमवार से तीन दिन तक विश्व कठपुतली दिवस पर पुतुल उत्सव मनाया जाएगा। इस उत्सव में बनारस की कठपुतली को विश्व स्तर पर अहमियत मिलेगी। वाराणसी में बनने वाली लकड़ी या काठ के खिलौने के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा। वाराणसी में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस मंच …
वाराणसी। जिले में आज यानि सोमवार से तीन दिन तक विश्व कठपुतली दिवस पर पुतुल उत्सव मनाया जाएगा। इस उत्सव में बनारस की कठपुतली को विश्व स्तर पर अहमियत मिलेगी। वाराणसी में बनने वाली लकड़ी या काठ के खिलौने के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा।
वाराणसी में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस मंच पर 21 को और 22-23 मार्च को शाम 7:00 बजे से दीनदयाल हस्तकला संकुल में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह कार्यक्रम संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित किया जाएगा। वाराणसी के साथ ही देश के पांच शहरों में आयोजित होंगे। पुतुल उत्सव की थीम आजादी के रंग, पुतल के संग रखी गई है।
कार्यक्रमों में पुतुल के माध्यम से आजादी के संघर्ष को दर्शाया जाएगा। इस उत्सव में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आजाद, प्रकृति की महिमा, सत्याग्रह, रानी लक्ष्मी बाई और महालक्ष्मी कथा जैसे कई विषयों पर पुत्ली नृत्य दिखाया जाएगा।
संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेमसुनारो जमीर ने बताया कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। इस बार पुतुल उत्सव भी आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा होगा। देश में पुतुल कला को बढ़ावा देने के लिए उत्सव के दौरान कुछ शहरों में वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है।
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