हल्द्वानी: नहरों के पुनर्निर्माण के लिए बनायी रणनीति
हल्द्वानी, अमृत विचार। सिंचाई विभाग अक्टूबर में आई आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुईं नहरों को अभी तक ठीक नहीं कर पाया है। इसके पीछे बजट का अभाव बताया जा रहा है। कुमाऊं मंडल की बात करें तो यहां 122 नहरों में से 48 नहर क्षतिग्रस्त पड़ी हुई हैं। सिंचाई विभाग चुनाव संपन्न होने के बाद …
हल्द्वानी, अमृत विचार। सिंचाई विभाग अक्टूबर में आई आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुईं नहरों को अभी तक ठीक नहीं कर पाया है। इसके पीछे बजट का अभाव बताया जा रहा है। कुमाऊं मंडल की बात करें तो यहां 122 नहरों में से 48 नहर क्षतिग्रस्त पड़ी हुई हैं। सिंचाई विभाग चुनाव संपन्न होने के बाद अब नहरों के पुनर्निर्माण के लिए बजट का प्रस्ताव शासन को भेजने की रणनीति बनाने में लग गया है।
अक्टूबर 2021 में उत्तराखंड में आपदा आई थी। आपदा में कुमाऊं मंडल की 122 नहरों में से 48 नहरें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इन नहरों के पुनर्निर्माण के लिए सिंचाई विभाग ने 13 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था, लेकिन यह फाइल आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद विधानसभा चुनाव आ गए। विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लगने के कारण फाइल धूल फांकने लगी।
चुनाव संपन्न होने के बाद विभाग ने एक बार फिर से क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मंडल में कुल 122 नहरें हैं। इसमें से 71 मैदानी तथा 51 नहर पहाड़ी क्षेत्र में हैं। विभागीय अधिकारियों की माने तो 20 नहर पूर्ण रुप से बंद हैं तथा 28 नहरें आंशिक रूप से बंद पड़ी हैं। कुल 48 नहरों के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर बजट की मांग को लेकर रणनीति बननी शुरू हो गई है।
कोट
विधानसभा चुनाव के कारण बजट नहीं मिल पाया था। सभी नहरों का सर्वे कराकर पुन: बजट शासन को भेजा जाएगा। ताकि नहरों का पुनर्निर्माण हो सके। – चंद्रशेखर सिंह, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग
