विलक्षण पर्व

आदि काल से ही भारतीय संस्कृति में त्योहारों और उत्सवों का महत्व रहा है। हमारी संस्कृति की विशेषता है कि यहां पर मनाए जाने वाले सभी त्योहार समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम और एकता को बढ़ाते हैं। त्योहारों और उत्सवों का संबंध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न …
आदि काल से ही भारतीय संस्कृति में त्योहारों और उत्सवों का महत्व रहा है। हमारी संस्कृति की विशेषता है कि यहां पर मनाए जाने वाले सभी त्योहार समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम और एकता को बढ़ाते हैं। त्योहारों और उत्सवों का संबंध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर समभाव से है। समाज में हर त्योहार का अपना महत्व होता है।
सभी त्योहारों के पीछे की भावना मानवीय गरिमा को समृद्धि प्रदान करना है। होली सामाजिक सद्भाव का विलक्षण पर्व है, जिसमें हास्य-व्यंग्य है, लेकिन कटुता और रंजिश नहीं होती। गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि होली एक विशेष त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
यह लोगों से मिलने, खुशी के पलों को साझा करने और अतीत को क्षमा करने और भूलने के बारे में है। होली की खासियत है कि रंग लगा कर, भेदभाव मिटा कर आपस में गले लगने का संदेश दिया जाए। होली के अलावा बाकी त्योहार ऐसे हैं जिन में लोग अपने नाते रिश्तेदारों या सगे संबंधियों के साथ ही मौजमस्ती करना पसंद करते हैं।
जबकि होली में एक दूसरे से मिलने के लिए होली मिलन का आयोजन होता है। ज्यादातर लोग बिना किसी भेदभाव के एक-दूसरे से मिलते हैं। होली मिलन एक तरह से समाज को एकजुट रहने का संदेश देते हैं। जरूरत इस बात की है कि होली मिलन में सामाजिकता को और बढ़ावा दिया जाए। ऐसे अवसरों पर गरीब और अमीर का भेद नजर नहीं आता।
त्योहार पर ही पता चलता है कि हमारा समाज कितना गुथा हुआ है। काश, होली से इतर भी हमारे समाज में सहिष्णुता, उदात्तता हो पाती। सबसे बड़ी बात इस त्योहार में कोई एक रंग नहीं रह जाता। सारे रंग मिलकर एक हो जाते हैं। ऐसे में रंगों की राजनीति करने वालों को भी समाज आईना दिखा देता है। होली के हुड़दंग को होली की बुराइयां बदरंग कर देती हैं।
शराब, भांग या दूसरे किस्म का नशा करके होली खेलना बेकार होता है। इसलिए होली शालीन तरीके से मनाई जानी चाहिए। कोशिश यह की जाए कि इस त्योहार के बहाने पर्यावरण का संरक्षण भी हो। होली में लोककला का हर रंग मौजूद रहता है। इस होली पर हम सोचें कि कैसे संस्कृति के इस विलक्षण पर्व को समाज को ज्यादा सहनशील बनाने के लिए उपयोग में ला सकते हैं।