रहमतों की रात है शब-ए-बरात, इबादत में गुजरेगी रात
रुद्रपुर, अमृत विचार। शब-ए-बरात यानी गुनाहों से माफी की रात। इस पूरी रात में इबादत का काफी सवाब मिलता है। दुनिया से रुख्सत हो चुके अपने बुजुर्गों की याद में उनकी बख्शीश की दुआयें मांगी जाती हैं। गुजरे साल कोरोना संक्रमण की वजह कर शब-ए-बरात पर लोग घरों में ही कैद रह गए थे। इस …
रुद्रपुर, अमृत विचार। शब-ए-बरात यानी गुनाहों से माफी की रात। इस पूरी रात में इबादत का काफी सवाब मिलता है। दुनिया से रुख्सत हो चुके अपने बुजुर्गों की याद में उनकी बख्शीश की दुआयें मांगी जाती हैं। गुजरे साल कोरोना संक्रमण की वजह कर शब-ए-बरात पर लोग घरों में ही कैद रह गए थे। इस बार हालांकि प्रशासन ने घर से बाहर निकलने पर पाबंदी तो नहीं लगाई है, लेकिन भीड़ से परहेज करने को कहा है।
शहर इमाम मौलाना इमामुद्दीन ने बताया कि इस बार शब-ए-बरात की रात 18 मार्च को होगी। जिसमें लोग रातभर इबादत करेंगे और मुल्क व अपने लिये दुआयें मांगेगे। इस रात में इबादत का बहुत महत्व है और यह रात रहमतों भरी होती है। इस रात दिल से मांगी दुआ पूरी होती है। बताया कि शब-ए-बरात को लोग कब्रिस्तानों में जाकर वहां अपने बुजर्गों की कब्रों पर दुआ भी पढ़ते हैं। तो वहीं घरों व मस्जिदों में भी नमाज और तिलावत करते है। बताया कि शब-ए-बरात के अवसर पर 18 व 19 मार्च को रोजा रखने भी बहुत सवाब का कार्य है। वहीं उन्होंने इस दौरान लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की भी अपील की।
