यूपी: सड़क से लेकर राजनीतिक गलियारों तक बन रही सरकार, बंट रहे मंत्रालय
लखनऊ। प्रदेश में भाजपा सरकार आ चुकी है। इस सरकार में उप मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री और स्वतंत्र प्रभार विभाग किस विधायक के हाथ में होगा, को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सरकार गठन में सड़क से लेकर राजनीतिक गलियारों तक लोग सरकार बना रहे हैं। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठे कार्यकर्ता पहले …
लखनऊ। प्रदेश में भाजपा सरकार आ चुकी है। इस सरकार में उप मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री और स्वतंत्र प्रभार विभाग किस विधायक के हाथ में होगा, को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सरकार गठन में सड़क से लेकर राजनीतिक गलियारों तक लोग सरकार बना रहे हैं। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठे कार्यकर्ता पहले चुनाव रणनीति बनाते नजर आते थे और किस विधानसभा सीट पर स्थिति ठीक और कहां जनता के बीच पकड़ बनानी है, पर चर्चा करते थे लेकिन अब प्रदेश में भाजपा सरकार प्रचंड बहुमत से आ चुकी है।
अब कार्यकर्ता वहीं, कार्यालय भी वहीं लेकिन बातचीत का विषय बदल चुका है। यहां पर चर्चा हो रही है कि अब सरकार में कितने उप मुख्यमंत्री होंगे, कितने कैबिनेट मंत्री बनेंगे। किन-किन विधायकों को सरकार में भागीदारी मिलेगी। प्रदेश कार्यालय पर कई स्थानीय और कुछ दूसरे जिलों के कार्यकर्ता मौजूद है। इस दौरान यहां पर सरकार के उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और स्वतंत्र प्रभार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। यहां पर बात हो रही है कि बीती सरकार में जो मंत्री रह चुके हैं, उनमें से कई मंत्रियों को दोबारा सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है।
चर्चा शुरू हुई कि सरकार की कमान महाराज जी के हाथ में रहेंगी इसमें कोई शक नहीं लेकिन उनके अगल-बगल जो उप मुख्यमंत्री होंगे। इसमें बदलाव जरूर होगा। इस पर एक कार्यकर्ता ने कहा कि हो सकता हो या न हो। तपाक से दूसरे ने कहा क्यों नहीं होगा, बीती सरकार में क्या हुआ, सबने देखा। अब तो चुनाव भी हार गए और दूसरे ने लड़ा नहीं। ऐसे में संभव है। तो तीसरे ने कहा क्या बीती सरकार में अगल-बगल वाले चुनाव जीत कर आए थे। सरकार बेहतर काम करने के लिए संगठन जिसे मौका देगा वहीं वहां बैठेगा।
इस पर प्रदेश के महत्वपूर्ण विभाग को लेकर चर्चा छिड़ी, एक कार्यकर्ता ने कहा कि उनको विभाग कैसे दे सकते हैं, उनके राज में बिजली का बिल को लेकर जनता काफी परेशान रहीं और चुनाव में बिजली का बिल भी मुद्दा बना। इस बार सरकार को इस पर मंथन जरूरी है। वहीं तुरंत पहुंचे कार्यकर्ता ने भी चर्चाओं को ध्यान से सुनते हुए अपनी राय रखी कि ऐसा नहीं है सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी सरकार के कार्यकाल में कोई भी मंत्री पर घोटाले का आरोप नहीं लगा। ऐसे में किसी को गलत नहीं कहा जा सकता।
पान की दुकान बनी राजनीति चर्चा का केंद्र
इस समय सरकार के गठन की चर्चा जितनी पार्टी कार्यालय पर हो रही है। उससे ज्यादा चर्चा शहर की सड़कों पर हो रही है और इसका मुख्य केंद्र पान की दुकान बनी हुई है। इस समय दुकान पर जहां चार लोग एकत्र हो रहे है। केवल सरकार में उप मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री बनने वाले नेताओं पर तुक्केबाजी जमकर चल रही है। जिन्हें सही से नेताओं के नाम भी नहीं मालूम, वे भी मंत्रिमंडल गठन को लेकर अपनी राय दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें:-गाजियाबाद: यूपी चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी की नजर अब विधान परिषद में बहुमत पर
