हल्द्वानी: पर्वतीय किसान हुआ हाईटेक, साढ़े छह करोड़ का डिजिटल पर कर चुका है बिजनेस
हल्द्वानी, अमृत विचार। पर्वतीय किसान अब हाईटेक होने लगा है। किसानों ने इन चार सालों में डिजिटल पर साढ़े छह करोड़ के करीब का बिजनेस किया है। दो लाख कुंतल से भी ज्यादा का माल वह बेच चुका है। डिजिटल बाजार में सजे उसे माल को खरीदने के लिए केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश …
हल्द्वानी, अमृत विचार। पर्वतीय किसान अब हाईटेक होने लगा है। किसानों ने इन चार सालों में डिजिटल पर साढ़े छह करोड़ के करीब का बिजनेस किया है। दो लाख कुंतल से भी ज्यादा का माल वह बेच चुका है। डिजिटल बाजार में सजे उसे माल को खरीदने के लिए केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश भर के कई प्रदेशों के व्यापारी आगे आ रहे हैं।
ई-नाम योजना (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) के जरिए किसानों को यह प्लेटफार्म मिला है। मंडी समिति की ओर से किसानों को इनाम से जोड़ने का काम चल रहा है। मंडी के लैब टेक्नीशियन मनमोहन तिवारी ने बताया कि किसानों को ऑनलाइन डिजिटल बाजार देने के लिए उन्हें जागरुक किया जा रहा है। 15 मार्च वर्ष 2018 से इस साल 28 फरवरी तक अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर के पर्वतीनय व तराई क्षेत्र के 9256 किसानों का रजिस्ट्रेशन इसके लिए हो चुका है। डिजिटल पर इन किसानों का 3397 लॉट में माल दिखाया जा चुका है। इसमें टमाटर, लॉकी, हरी मटर, बैगन, सेब सहित अन्य फल सब्जियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यूपी सहित देश के कई प्रदेशों के 492 व्यापारियों ने किसानों के उत्पादन किए गए माल को खरीदा है। व्यापार होने से किसानों का उत्साह भी बढ़ रहा है और ज्यादा से ज्यादा किसान डिजिटल से जुड़ रहे हैं।
125 प्रशिक्षण कैंप से जुड़ चुके हैं किसान
मंडी समिति की ओर से किसानों को इनाम से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कराए जा रहे हैं। नैनीताल, बागेश्वर और अल्मोड़ा के तराई और पर्वतीय क्षेत्रों में यह प्रशिक्षण कराए जा रहे हैं। तराई में प्रशिक्षण ऑनलाइन रूप से तो वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में टीम जाकर प्रशिक्षण दे रही है। इसमें किसानों के जुड़ने, बिक्री आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। एलटी तिवारी का कहना है कि कोरोना काल में प्रशिक्षण पर प्रभाव पड़ा था, लेकिन अब फिर से किसानों का उत्साह देखने को मिल रहा है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार में डिजिटल के माध्यम से किसानों को काफी लाभ हो रहा है। मंडी में सीमित ग्राहक और सिर्फ उस क्षेत्र का व्यापारी ही उनके माल का खरीदपाता था। अब उत्तराखंड की फल सब्जी आदि को देश भर के अन्या व्यापारी भी खरीद रहे हैं।
विश्व विजय सिंह देव, मंडी सचिव
