बागेश्वर: वन्य जीवों का जनता पर लगातार बढ़ रहा हमला, पांच साल में 61 लाख का बांटा मुआवजा
बागेश्वर, अमृत विचार। जनपद में वन्य जीवों का आम जनता पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक सप्ताह में ही सुअर व बंदरों के हमले से पांच लोगों पर जंगली जानवर हमला कर चुके हैं। वन विभाग इसे पर्यावरण असंतुलन की बात कह कर पल्ला झाड़ देता है परंतु निरंतर बढ़ रहे …
बागेश्वर, अमृत विचार। जनपद में वन्य जीवों का आम जनता पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक सप्ताह में ही सुअर व बंदरों के हमले से पांच लोगों पर जंगली जानवर हमला कर चुके हैं। वन विभाग इसे पर्यावरण असंतुलन की बात कह कर पल्ला झाड़ देता है परंतु निरंतर बढ़ रहे हमले के चलते मानव जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है। हालांकि विभाग ने हमले से प्रभावित लोगों को पांच साल में 61 लाख से अधिक का मुआवजा बांटा है।
जनपद में वन्य जीवों द्वारा मानवों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक सप्ताह में ही जनपद के विभिन्न स्थानों में सुअर व बंदरों के हमले से पांच लोग घायल हो चुके है। इसके अलावा पिछले पांच सालों के आंकड़ो पर नजर डालें तो हमले बढ़ रहे हैं। वन विभाग इसके लिए मानव का जंगलों में हस्तक्षेप बताता है परंतु ग्रामीण इसके लिए वन्य जीवों की संख्या बढ़ना ही मानते हैं। जनपद में अधिक हमले जो हुए हैं उनमें सुअर व बंदरों के अधिक हैं जबकि गुलदार के घटनाओं से मौत होने की भी घटनाएं हुई है।
पिछले पांच साल में वन जीव से जनहानि
1- तेंदुए के हमले से 70 लोग घायल – सात की मौत
2- सर्प दंश- घायल- 15 लोग, आठ की मौत
3- भालू- घायल हुए तीन लोग
4- सुअर- घायल 29, एक की मौत
बंदरों के हमले की जानकारी नहीं
बागेश्वर। जनपद में बंदरों के हमले से कई स्कूली छात्र-छात्राएं समेत महिला पुरूष चोटिल हो चुके हैं लेकिन वन विभाग व प्रशासन के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं रहता है। क्योंकि बंदरों के हमले से मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए इसके आंकड़ें रखना सरकार उचित नहीं समझती है। जबकि बंदर फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई लोगों पर हमला कर चुके हैं। साथ ही बंदर भगाने या उनके हमले से कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
जंगलों के कम होने की वजह से मानव व वन्य जीव संघर्ष बड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाओं में कमी आई है। वन्य जीव से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जंगली जानवर गांव तक न आएं इसके लिए जंगलों में जानवरों के लिए पेयजल आदि की व्यवस्था के लिए कार्य किया जा रहा है। – हिमांशु बागरी, प्रभागीय वनाधिकारी बागेश्वर।
