मुरादाबाद : जल्द शुरू होगा करुला ओवरब्रिज का चौड़ीकरण

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मुरादाबाद/अमृत विचार। करुला फ्लाईओवर से संभल फाटक तक लगने वाले जाम से एक बार फिर निजात मिलने की उम्मीद जगी है। विधानसभा चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता के फेर में फंसे इस फ्लाईओवर के चौड़ीकरण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी ने सेतु निगम को दी है। उन्होंने सेतु निगम के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर …

मुरादाबाद/अमृत विचार। करुला फ्लाईओवर से संभल फाटक तक लगने वाले जाम से एक बार फिर निजात मिलने की उम्मीद जगी है। विधानसभा चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता के फेर में फंसे इस फ्लाईओवर के चौड़ीकरण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी ने सेतु निगम को दी है। उन्होंने सेतु निगम के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर सर्वे पूरा कर रिपोर्ट देने को कहा है। इसी के साथ उन्होंने भवन व बिजली के खंभों को शिफ्ट कराने की लिए पीडब्लूडी व बिजली निगम के अधिकारियों को कहा है।

डबल फाटक के पास संभल चौराहा ओवरब्रिज महानगर के व्यस्त फ्लाईओवर में से एक है। यहां हमेशा ट्रैफिक का दबाव रहता है। महानगर की बड़ी आबादी हो जोड़ने वाला यह पुल जाम के साथ ही अब हादसों के लिए भी बदनाम होता जा रहा है। काफी समय पहले डीएम की अध्यक्षता में हुई उद्योग बंधु की बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था। व्यापारियों ने स्थलीय निरीक्षण कर जाम से निजात दिलाने के लिए सड़क का चौड़ीकरण कराने की मांग की थी।

इसके बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने नगर निगम, सेतु निगम, पीडब्लूडी, विद्युत व ट्रैफिक पुलिस के अफसरों की एक संयुक्त टीम का गठन कर दिया था। कई दिन तक चले सर्वे के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट में हादसे व जाम की वजह पुल की टूटी रेलिंग, सेफ्टीवाल व उखड़ी सड़क को बताया गया है। इसके अलावा पुल के दूसरे हिस्से की सड़क संकरी व वहां पर फैला रहने वाला अतिक्रमण भी जाम को कारण बनता है। समाधान के तौर पर करुला की ओर सड़क पर बने पुलिस बूथ व बिजली के खंभे हटवाने की बात कही गई है।

निगम की कार्रवाई के बाद लटक गया था सर्वे
इस रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने संबंधित विभागों को पत्र भेजकर पुल के चौड़ीकरण और जाम से निजात दिलाने के आदेश दिए थे। इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों की टीम फ्लाईओवर के नीचे पहुंची और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को तुड़वा दिया था। निगम की कार्रवाई के बाद चौड़ीकरण की जिम्मेदारी सेतु निगम के अधिकारियों को दी गई थी। हालांकि इस बीच विधानसभा चुनाव होने के कारण सर्वे लटक गया। अब जिलाधिकारी ने सेतु निगम के अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तलब की है। रििपोर्ट के आधार पर कुछ भवन व बिजली के खंभों को शिफ्ट किया जाएगा।

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