मुरादाबाद : ऑनलाइन पढ़ाई में लिखना भूले बच्चे
मुरादाबाद/अमृत विचार। करीब डेढ़ साल बाद स्कूल पहुंच रहे प्री-नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों में कई बदलाव और कमियां देखने को मिली हैं। पहले दिन ज्यादातर छोटे बच्चे अक्षरों को पहचानने में फेल साबित हुए। वहीं जिन बच्चों को कभी 20 तक पहाड़े आते थे वह भी भूल गए हैं। लिखने की आदत छूट …
मुरादाबाद/अमृत विचार। करीब डेढ़ साल बाद स्कूल पहुंच रहे प्री-नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों में कई बदलाव और कमियां देखने को मिली हैं। पहले दिन ज्यादातर छोटे बच्चे अक्षरों को पहचानने में फेल साबित हुए। वहीं जिन बच्चों को कभी 20 तक पहाड़े आते थे वह भी भूल गए हैं। लिखने की आदत छूट गई है। शिक्षकों की माने तो करीब 40 फिसदी बच्वों के लेखन में भी खराबी आई है। स्कूल में शिक्षकों के अनुसार खुला माहौल मिलने से बच्चों की मनोदशा बदलेगी।
स्कूलों के अनुसार कोविड काल के दौरान ऑनलाइन क्लासेज चलती रही। इसके चलते सभी बच्चों पर शिक्षकों द्वारा उतना ध्यान भी नहीं दे पाए, जितना क्लासेज में दिया जा सकता है। वहीं ऑनलाइन क्लासेज में केवल किताबी ज्ञान दिया जा सकता था। स्थिति ऐसी थी, जिसमें ये पता लगा पाना बेहद मुश्किल था कि कौन बच्चा पढ़ाई पर ध्यान दे रहा है और कौन नहीं। हालांकि बीच-बीच में बच्चों से सवाल-जवाब भी किया जाता है। वहीं शासन के निर्देश पर गुरुवार को स्कूल खुले तो बच्चों की स्थिति नजर आई। ऐसे में अगले हफ्ते में परीक्षा है।
स्कूल खुलने के बाद जहां अभिभावक गदगद है, वहीं बच्चे भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। बच्चे शरारती भी होते हैं और कुछ शर्मीले भी होते है। काफी समय बाद स्कूल खुलने पर कुछ बच्चे हैं, जिसकी लिखने की आदत छूट गई है। स्कूल आने में रो रहे थे। ऐसे बच्चे अपने मम्मी-पापा को भी याद करते हैं लेकिन उन्हें टॉफी या खिलौने देकर शांत किया तो शांत हो गए। -वंदना शर्मा,शिक्षिका, जूनियर हाईस्कूल मनोहरपुर
पिछले काफी दिनों से स्कूल बंद चल रहे थे। ऐसे में बच्चों का मन पढ़ाई में लग रहा। लेकिन ऐसा भ्रम स्कूल खुलने पर दूर हो गया। इस बार स्कूल अधिक समय तक बंद नहीं रहे हैं। उनकी लेखन क्षमता में कुछ कमी देखने को मिल रही है। बच्चे स्कूल पहुंच खुश दिखाई दे रहे हैं और उनके अभिभावको खुलने पर पढ़ाई का मौका मिलेगा घर पर मोबाइल न होने के कारण हमारा बच्चा पढ़ाई नहीं कर पा रहा था। -सुरेंदर सिंह, प्रधानाचार्य, केसीएम स्कूल
बच्चों में लिखने और पढ़ने की रफ्तार काफी कम हुई। साथ ही लिखावट काफी खराब हुई, छुट्टी होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। शिक्षक भी उनकी पढ़ाई पूरी करवाने की तैयारी पहले ही कर चुके हैं। लेकिन बच्चों की खराब स्थिति को देखते हुए दोबारा सब सिखाना होगा। -विमलेंद्र कुमार शर्मा, शिक्षक, जीजी हिन्दू इंटर कॉलेज
