हल्द्वानी: चुनाव संपन्न लेकिन नेताओं को प्रसव पीड़ा शुरू…

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरे हो चुके हैं। फैसले की घड़ी 10 मार्च को आएगी। इसी घड़ी के इंतजार ने अब नेताओं की नींद उड़ा दी है। जैसे आखिरी दिनों में प्रसूता आने वाले बच्चे के इंतजार में अपने दिन काटती है। ठीक वही हाल उत्तराखंड …

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरे हो चुके हैं। फैसले की घड़ी 10 मार्च को आएगी। इसी घड़ी के इंतजार ने अब नेताओं की नींद उड़ा दी है। जैसे आखिरी दिनों में प्रसूता आने वाले बच्चे के इंतजार में अपने दिन काटती है। ठीक वही हाल उत्तराखंड के प्रत्याशियों का भी है।

परिणाम की प्रतीक्षा की बेचैनी इतनी है कि अब उनसे रहा नहीं जा रहा और अपने-अपने समर्थकों, कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों के बीच पहुंच वह अपनी विधानसभा क्षेत्र की गणित लगाने में जुट गए हैं। यहां तक कि अब भगवान की पूजा-अर्चना का दौर जारी हो गया है। अपनी-अपनी जीत तय करने के लिए प्रत्याशी भगवान को मनाने में जुट गए हैं।

कहां कितने वोट उनके पक्ष में पड़े, बागियों ने कितने वोट काटे तो दूसरे दलों के बागियों ने उन्हें कितना फायदा पहुंचाया। यह सब चर्चा हो रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं के मन की थाह लेना राजनीतिक दलों के लिए किसी पहेली से कम नहीं रहा। मतदाताओं की इस खामोशी को अंडर करंट के रूप में भी देखा गया। राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के अपने-अपने दावे हैं। मतदाताओं ने क्या निर्णय दिया है, इस बारे में 10 मार्च को मतगणना होने पर ही पता चलेगा, लेकिन तब तक राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और समर्थकों की नींद उड़ी रहना तो स्वाभाविक है।

संबंधित समाचार