लखीमपुर खीरी: जनता के घुटनों पर प्रत्याशी पांच साल बाद फिर याद आये स्थानीय मुद्दे
लखीमपुर खीरी,अमृतविचार। जिले में चौथे चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों और निर्दल प्रत्याशियो ने चुनावी शोर जहां तेज कर दिया है। वहीं क्षेत्रीय मुद्दों पर पिछले चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी अब इस बार जनता के सामने घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। पुराने मुद्दों को पूरा कर उन्हें अपने पक्ष …
लखीमपुर खीरी,अमृतविचार। जिले में चौथे चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों और निर्दल प्रत्याशियो ने चुनावी शोर जहां तेज कर दिया है। वहीं क्षेत्रीय मुद्दों पर पिछले चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी अब इस बार जनता के सामने घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। पुराने मुद्दों को पूरा कर उन्हें अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
जिले में चौथे चरण में विधानसभा चुनाव है। यहां 23 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। 2802835 लाख मतदाता मतदान कर प्रत्याशियों के भाग्य को ईवीएम में कैद करेंगे। मतदान की तिथि नजदीक बढ़ते ही सभी दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों का प्रचार और जनसंपर्क तेज हो गया है। प्रत्याशियों की गाड़ियां कीचड़ और धूल भरे मार्गों पर दौड़ रही हैं। जिले की आठों विधानसभा सीट क्षेत्रों में स्थानीय अहम मुद्दे हैं।
इन मुद्दों पर प्रत्याशी वोट तो हासिल कर लेते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद लौट कर नही देखते। इससे मतदाता भी खुद को छला महसूस करता है। सदर विधानसभा में शहर का रोडवेज बस अड्डा, सड़के, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था हो चाहे ट्रैफिक व्यवस्था और बाढ़-कटान। यह मुद्दे हर चुनाव में उठते हैं। चाहे वह चुनाव लोकसभा, विधानसभा का हो या नगरपालिका का।
हर बार स्थानीय मुद्दों के निस्तारण करने का संकल्प लेकर नेता सीट तो हथिया लेते हैं, लेकिन लौटकर मुद्दों और अपने किये गए वायदों की तरफ मुड़कर नहीं देखते। यही हाल विधानसभा निघासन, पलिया, कस्ता, श्रीनगर, मोहम्मदी और धौरहरा का भी है। यह सभी विधानसभाएं बाढ़ एवं कटान प्रभावित भी हैं।
क्षेत्रीय मुद्दों के सहारे पिछले चुनावों में चुनावी वैतरणी पार करने वाले प्रत्याशी भी इस बार चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। मुद्दों का पांच साल में हल न निकालने वाले यह प्रत्याशी अब घुटनों के भल पर मतदाताअों के सामने पहुंच रहे हैं। वह गांवो की धूल फांक कर उन्हें अपने पाले में करने और फिर से क्षेत्रीय मुद्दों पर मतदाताओं को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। हर चुनावो में छला जाने वाला मतदाता इस बार खामोश है। इससे प्रत्याशियों के दिलों की धुकधुकी बढ़ गयी है। स्थानीय मुद्दों को हल कराने का दावा करने में निर्दल प्रत्याशी भी पीछे नहीं हैं। वह भी लोगों को मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
दावों और वादों से गुलजार सोशल मीडिया
प्रत्याशी गांवों में जाकर वोट मांग रहे हैं। वहीं समर्थक प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव प्रचार में लगाई गई चुनाव आयोग की पाबंदी के कारण सभी पार्टियों ने अपना-अपना आईटी विभाग संचालित कर रखा है। आईटी विभाग के कार्यकर्ता माहौल चाहे जो भी हो, लेकिन प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। इसको लेकर कई तरह के वीडियो भी गीतों और संगीत की धुन पर फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, व्हाट्सएप आदि सोश साइटों पर वायरल किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले इन विडियो में आईटी विभाग की टीम विपक्षियों पर वार करते हुए अपने प्रत्याशी का भौकाल साबित करने की कोशिश करने में कोई रियायत नहीं बरतती दिख रही है। आईटी टीम दिन-रात बखूबी अपने काम को अंजाम दे रही है।
इनसेट
रसोई छोड़ पतियों की नैया पार कराने के लिए धूल फांक रहीं महिलाएं
पतियों के चुनावी मैदान में उतरने के बाद उनकी पत्नियों ने भी चुनावी मोर्चा संभाल लिया है। महिलाएं रसोई का काम छोड़कर आसपास की महिलाअ ों के साथ मोहल्ले में ही नहीं गांवों की गलियों में भी धूल फांक रही हैं। जिले में दलों ने भले ही आधी आबादी पर ज्यादा विश्वास न जताया हो, लेकिन महिलाअ ों ने अपने पतियों के चुनाव की कमान संभाल ली है। इसके अलावा प्रत्याशियों का पूरा परिवार भी शहर, नगर कस्बों से लेकर गांवों तक की धूल फांक रहा है।
कुल जिले में मतदाता: 2802835
महिला मतदाता: 1307623
पुरुष मतदाता: 1495089
कुल विधानसभा सीट: आठ
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