लखनऊ: केनरा बैंक से 45 करोड़ का गबन करने के मामले में रिटायर सैन्यकर्मी समेत दो गिरफ्तार
लखनऊ। लखनऊ की कृष्णानगर पुलिस ने गुरुवार को केनरा बैंक में हुए 45 करोड़ गबन मामले में एक रिटायर सैन्यकर्मी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह लोग बैंक मैनेजर अखिलेश कुमार और ब्रोकर अमित तिवारी की मदद से लोगों के खातों की रकम को फर्जी दस्तावेज से एफडी बनवाकर ठग रहे थे। पुलिस …
लखनऊ। लखनऊ की कृष्णानगर पुलिस ने गुरुवार को केनरा बैंक में हुए 45 करोड़ गबन मामले में एक रिटायर सैन्यकर्मी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह लोग बैंक मैनेजर अखिलेश कुमार और ब्रोकर अमित तिवारी की मदद से लोगों के खातों की रकम को फर्जी दस्तावेज से एफडी बनवाकर ठग रहे थे। पुलिस बैंक मैनेजर अखिलेश और ब्रोकर अमित को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। रिटायर सैन्यकर्मी कमीशन के खेल में इस जालसाज गिरोह का हिस्सा बन गया था।
इंस्पेक्टर कृष्णानगर आलोक कुमार राय ने बताया कि पुलिस रिमांड पर पूर्व बैंक मैनेजर अखिलेश कुमार ने 45 करोड़ के गबन में रिटायर सैन्यकर्मी मेजर उर्फ ओमप्रकाश और राजेश सिंह के शामिल होने की बात कही। इसके आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में गांधीनगर, पीजीआई निवासी मेजर उर्फ ओमप्रकाश ने बताया कि राजेश सिंह के माध्यम से राज दुग्गल और संजय अग्रवाल से अक्टूबर, 2019 में मुलाकात हुई थी।
इन लोगों ने बताया कि 41 करोड़ की एफडी कराना है। इसका ज्यादा कमीशन मिलेगा। इसकी एफडी अखिलेश कुमार के माध्यम से करवा दी थी। इसके बदले 45 लाख रुपए मिले थे। इसे दोनों ने आपस में बांट लिए। उन पैसों को कार खरीदने के साथ घरेलू खर्च में लगा दिए। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने धोखाधड़ी से खरीदी गई कार को जब्त कर लिया है। बैंक मैनेजर के खिलाफ 31 जनवरी, 2021 को केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख मनोज कुमार मीणा ने थाने में 45 करोड़ की हेराफेरी का मुकदमा दर्ज कराया था।
बैंक मैनेजर अखिलेश कुमार मोहनलालगंज निवासी अमित तिवारी के साथ मिलकर यूपी सड़क हाईवे अथॉरिटी समेत कई सरकारी और निजी लोगों के खातों की रकम की एफडी बनाकर हेराफेरी कर रहा था। इन लोगों ने यूपी स्टेट हाईवे अथॉरिटी के खाते में जमा 41.76 करोड़ रुपए दस्तावेजों से हेराफेरी कर एक निजी फर्म के खाते में ट्रांसफर किए थे। इसे अमित ऑपरेट कर रहा था। इनके गिरोह में आठ लोगों का नाम सामने आया है। चार अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, बैंक में खाता खुलवाने से लेकर एफडी तक का काम करने वाला मेजर ज्यादा कमीशन के लालच में बैंक मैनेजर के गिरोह में शामिल हो गया था। इसके बाद दस्तावेज में हेराफेरी कर खाते खुलवाने से लेकर एफडी बनवाने का काम करने लगा था। पूछताछ में सामने आया है कि वह गाजीपुर की जखनिया विधानसभा सीट से चुनाव की तैयारी कर रहा था। मगर, किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला। वहीं राजेश सिंह के मुताबिक उसने कमीशन के रुपए से पतंजलि का स्टोर खोलने के साथ एक कार खरीद ली थी।
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