जानिए क्यों और कब हुआ था हैंड सैनिटाइजर का अविष्कार?
पूरे विश्व में कोरोना वायरस का खतरा मंडराने के बाद सैनिटाइजर आम जनता के हाथों में नज़र आने लगा है। इससे पहले इसका इस्तेमाल कुछ प्रतिशत लोग ही करते थे। अक्सर आप सोचते होंगे कि हैंड सैनिटाइजर का अविष्कार कब हुआ? तो आपको बता दें कि इसका प्रयोग 54 सालों से होता आ रहा है। हैंड …
पूरे विश्व में कोरोना वायरस का खतरा मंडराने के बाद सैनिटाइजर आम जनता के हाथों में नज़र आने लगा है। इससे पहले इसका इस्तेमाल कुछ प्रतिशत लोग ही करते थे। अक्सर आप सोचते होंगे कि हैंड सैनिटाइजर का अविष्कार कब हुआ? तो आपको बता दें कि इसका प्रयोग 54 सालों से होता आ रहा है।
हैंड सैनिटाइजर बनाने का आइडिया साल 1966 में अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड शहर में रहने वाली एक महिला को आया था, जिसका नाम ल्यूप हर्नान्डिज था। ल्यूप नर्सिंग की एक छात्रा थीं। एक दिन अचानक उनके दिमाग में आया कि किसी मरीज के पास जाने से पहले या उसके पास से आने के बाद हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी न हो तो क्या होगा।
इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए, जो साबुन से कुछ अलग हो और बिना पानी के भी काम चल जाए, साथ ही उसके इस्तेमाल से कीटाणु भी मर जाएं। ऐसे में उन्होंने एक अल्कोहल युक्त जेल बनाया और उसे अपने हाथों पर रगड़ कर यह चेक किया कि उससे क्या फायदा होता है।
ल्यूप का अल्कोहल युक्त जेल काम कर गया। उससे कीटाणुओं का भी सफाया हो गया और पानी की तरह उसे सुखाने की भी जरूरत नहीं पड़ी। इस तरह ल्यूप का यह ‘आविष्कार’ धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया और बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल होने लगा।
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