Lucknow Zoo: राजधानी के चिड़ियाघर में जानवरों के लिए ठंड के मद्दे नजर की गई यह खास व्यवस्था

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Lucknow Zoo: राजधानी में सर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस शीतलहर में अब इंसानों से लेकर जानवरों तक का ठंडी से बुरा हाल है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी साफ नजर आ रहा है। लखनऊ में ठंड का प्रकोप जारी है। इस बीच …

Lucknow Zoo: राजधानी में सर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस शीतलहर में अब इंसानों से लेकर जानवरों तक का ठंडी से बुरा हाल है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का सीधा असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी साफ नजर आ रहा है। लखनऊ में ठंड का प्रकोप जारी है। इस बीच पशु-पक्षियों और अन्य जानवरों को सर्दी से राहत दिलाने के लिए नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान यानि लखनऊ चिड़ियाघर में व्यवस्थाएं शुरू हो रखी हैं। जी हां, जानवरों और पक्षियों की परेशानी और बढ़ती सर्दी को ध्यान में रखते हुए चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने अपनी कमर कस ली है।

चिड़ियाघर में सबसे प्रिय पशुओं में चिम्पाजी जैसन और जेसिका, व्हाइट टाइगर गीता और जय, शेर वसुन्धरा-पृथ्वी और उनके बच्चों टीनी, मीना आदि के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। जैसे ही राजधानी में ठण्ड दस्तक देती है चिड़ियाघर प्रशासन पशु-पक्षियों, सांपों आदि के लिए खास इंतजाम करता है।

इसी सिलसिले में अमृत विचार की चिड़ियाघर के डॉक्टर अशोक से खास वर्ता हुई। डॉ. अशोक ने जानवरों और पक्षियों के पिंजरों से लेकर उनके खान पान तक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बढ़ती सर्दी के चलते हरणों के शेड में हीटर की व्यवस्था की गई है। इसके साथी ही उनको अधिक पोषण युक्त भोजन देना शुरू कर दिया है। जैसे उनके खाने में सरसों की फली और मूंगफली मिला कर देते हैं इसके साथ ही कुछ दवाइयां बी मिला कर देते हैं।

इसके साथ ही उनके घरों में पुआल के साथ कंबल डाल रखा है। जानवरों को हीटर की सुविधा भी दी गई है। फिर चाहे वो कोई भी जानवर क्यों न हो। हमें जानकारी मिली कि चिड़ियाघर में ठंड की तैयारी अक्टूबर से ही शुरू कर दी जाती है। शेर के लिए हीटर और हिरन के लिए चटाई बिछाई गई हैं, जिससे वो ठंड से बचे रहे।

चिम्पाजी के कमरों में हीटर लगे हैं वहीं बंदरों को बोरे दिए गए हैं ताकि वो खुद को ठंड से बचा सकें। सभी के नाइट शेल्टर बनें हैं जो गरम ठंड से बजाते हैं। चिड़ियाघर में पक्षियों के लिए घोसलों को मोटे हरे कपड़े से कवर किया गया है।

पानी में रहने वाले वन्यजीवों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। उनको कोई बीमारी न हो इसके लिए पानी में दवा डाली गई। इसके साथ ही समय-समय पर पानी भी बदला जा रहा है। वहीं पीने के पानी की बात करें तो जानवरों को फ्रेश पानी दिया जाता है। समय-समय पर पीने के पीनी का नल खोला जाता है ताकी जानवरों को ठंडा न पानी पीना पड़े।

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