पार्टी की साख के लिए खुद की कुर्सी को किया कुर्बान
अविक ठाकुर/अमृत विचार। वह समय ही ऐसा था जब लोग किसी पार्टी से राजनीति नहीं बल्कि देश प्रेम के भाव से जुड़ा करते थे। उस दौर में प्रत्याशी जनता की सेवा को ही सबसे ऊपर मानते थे। यही वजह है कि प्रत्याशी अगर शहर में कहीं भी जाते तो लोगों का जमावड़ा लग जाता था। मगर …
अविक ठाकुर/अमृत विचार। वह समय ही ऐसा था जब लोग किसी पार्टी से राजनीति नहीं बल्कि देश प्रेम के भाव से जुड़ा करते थे। उस दौर में प्रत्याशी जनता की सेवा को ही सबसे ऊपर मानते थे। यही वजह है कि प्रत्याशी अगर शहर में कहीं भी जाते तो लोगों का जमावड़ा लग जाता था। मगर कुछ प्रत्याशी ऐसे भी रहे जिन्होंने पार्टी की साख बचाने के लिए अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया।
हम बात कर रहे है मुरादाबाद नगर से चुनाव लड़ चुके डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की। इन्होंने पार्टी की छवि धूमिल न हो, इसके लिए अपनी कुर्सी को ही दांव पर लगा दिया था। अमृत विचार से बात करते हुए जैमिनी ने बताया कि वह शुरू से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। जिसका फल उनको सन् 1989 में मिला। भाजपा ने उन्हें मुरादाबाद नगर विधानसभा-33 से अपना उम्मीदवार चुना। इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने की तैयारी व जनता से संपर्क साधना शुरू किया। लेकिन यह बात पार्टी के नेता प्रेम शंकर शर्मा को हजम न हो सकी। उन्होंने टिकट न मिलने पर अपनी पार्टी व अधिकृत प्रत्याशी का ही विरोध करना शुरू कर दिया। इसका सीधा असर पार्टी की छवि और चुनाव पर दिखाई देना लगा।
उस वक़्त टिकट न मिलने पर प्रेम शंकर शर्मा ने अपनी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। इसके चलते पार्टी के कार्यकर्ताओ में भी बिखराव हुआ और चुनाव भी हाथ से जाता दिखाई देना लगा। उन्होंने बताया कि चुनाव से दो दिन पहले पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें कहा गया कि डॉ. विश्व अवतार जैमिनी जो पार्टी के प्रत्याशी हैं और उनके साथी पार्टी के हित के लिए डॉ. प्रेम शंकर शर्मा के साथ दूर तक रैली में साथ चले। लेकिन बाद उम्मीदवार और उनके साथी चुनाव लड़ने से पीछे हट गए। ताकि पार्टी की साख बची रहे। लेकिन उसके बाद भी प्रेम शंकर शर्मा चुनाव नहीं जीत सके। पार्टी के इस बिखराव का फायदा मुस्लिम लीग के उम्मीदवार डॉ. शमीम को मिला। उन्हें जनता ने विधानसभा तक पहुंचाया।
पार्टी ने खुद दिया टिकट, तब लड़े चुनाव : डॉ. विश्व अवतार जैमिनी बचपन से ही संघ से जुड़े हुए थे। वह संघ की पद्धति पर ही चलना पसंद करते थे। लेकिन इसका फल उन्हें सन 1989 में मिला। जब पार्टी ने उन्हें बिना मांगे ही टिकट दे दिया। तब वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुए। लेकिन टिकट को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में छिड़ी चुनावी जंग के चलते उन्हें पीछे हटना पड़ा। जिसके बाद से वह आज तक किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़े।
विश्व अवतार जैिमनी के प्रचार में दिग्गज
सन् 1989 में चुनाव का प्रचार दीवार लेखन, हाथों से बने बैनर और लोगों के घर-घर जाकर जनसंपर्क किया जाता था। इसके बाद प्रत्याशी को लोग चुनते थे। मुरादाबाद नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े डॉ. जैमिनी के प्रचार के लिए कल्याण सिंह व कलराज मिश्र, केसरी नाथ त्रिपाठी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना आए थे।
