रायबरेलीः मारपीट में घायल युवक की मौत, परिजनों ने एसपी कार्यालय के बाहर किया हंगामा

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रायबरेली। खीरों थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर में दो जनवरी को पक्षों में मारपीट की घटना में एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया था। युवक का इलाज लखनऊ ट्रामा सेंटर में चल रहा था, जहां मंगलवार शाम को युवक की मौत हो गई। मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा न दर्ज करने तथा आरोपियों की …

रायबरेली। खीरों थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर में दो जनवरी को पक्षों में मारपीट की घटना में एक युवक गंभीर रुप से घायल हो गया था। युवक का इलाज लखनऊ ट्रामा सेंटर में चल रहा था, जहां मंगलवार शाम को युवक की मौत हो गई। मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा न दर्ज करने तथा आरोपियों की धरपकड़ न होने से गुस्साए मृतक के परिजनों ने एसपी कार्यालय के बाहर शव रखकर जमकर हंगामा किया। पुलिस की कार्यवाही का हाल यह रहा कि आरोपी पक्ष की तहरीर ले ली गई थी।

बताते हैं कि 2 जनवरी को खीरो के राम नगर में कमलेश (38 वर्ष) पुत्र राम नरायण का विवाद को लेकर विक्रम सिंह पुत्र श्रीराम, श्रीराम पुत्र मुन्नीलाल, राहुल पुत्र श्रीराम से विवाद हो गया था। इस दौरान लाठी डंडों से कमलेश की जमकर पिटाई की गई थी। मरणासन्न अवस्था में उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था तथा विक्रम, श्रीराम और राहुल के खिलाफ सेमरी चौकी में तहरीर दी गई थी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।

मंगलवार शाम को कमलेश की ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे घर में कोहराम मच गया वहीं आक्रोशित परिजन मृतक कमलेश कआ शव लेकर एसपी कार्यालय के बाहर जमा हो गए। इस दौरान सेमरी पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। असल में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसे लेकर मृतक के परिजन खासे आक्रोशित नजर आए। वहीं बताते हैं पूर्व में भी एक आरोपी कई लोगों पर मुकदमा दर्ज करा चुका है। साथ ही 6 साल पहले गांव के राम सिंह पुत्र राम भरोसे के साथ भी मारपीट की थी लेकिन कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। एसपी कार्यालय के बाहर शव रखकर हंगामा होने से पुलिस महकमे में खलबली मची रही।

पुलिस तहरीर मिलने से कर रही इंकार

मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। असल में पुलिस तहरीर न मिलने की बात कहकर खुद को बचा रही है। इंस्पेक्टर खीरों बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि सर इंस्पेक्टर खीरों के मुताबिक कोई लिखित तहरीर नहीं दी गयी। कुछ मारपीट हुई थी लेकिन बिना पुलिस के सूचना सीएचसी खीरों में इलाज करवा कर कमलेश घर चला गया था। इंस्पेक्टर खीरों ने यह भी बताया दो तीन दिन पहले शायद परिजनों ने यह बताया कि आंख में चोट है जिसका इलाज चल रहा है एक अप्लीकेशन व्हाट्सएप पर दो दिन पहले आयी थी जिस पर मुकदमा नहीं लिखा जा सकता था।

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