बरेली: सड़क घोटाले में डूडा व नगर निगम के इंजीनियरों से मांगे जवाब

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बरेली, अमृत विचार। शहर के वार्ड-45 महेशपुरा अटरिया में एक सड़क के निर्माण का बड़ा घोटाला सामने आया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) और नगर निगम दोनों ने ही एक सड़क को बनाने में फर्जीवाड़ा करके अलग-अलग भुगतान करा लिए। यह मामला मंडलायुक्त के पास पहुंचने के बाद खलबली मची हुई है। नगर निगम …

बरेली, अमृत विचार। शहर के वार्ड-45 महेशपुरा अटरिया में एक सड़क के निर्माण का बड़ा घोटाला सामने आया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) और नगर निगम दोनों ने ही एक सड़क को बनाने में फर्जीवाड़ा करके अलग-अलग भुगतान करा लिए। यह मामला मंडलायुक्त के पास पहुंचने के बाद खलबली मची हुई है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ने इस प्रकरण को लेकर डूडा और नगर निगम के इंजीनियरों की भूमिका की जांच शुरू करते हुए उनके जवाब मांगे हैं। इसके बाद सड़क घपलेबाजी की रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपी जानी है।

सड़कों के निर्माण को लेकर आए दिन घपले-घोटाले उजागर हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला महेशपुरा अटरिया में एक सड़क निर्माण को लेकर मंडलायुक्त तक पहुंचा है। जिसमें महेशपुरा में अनिल यादव के मकान से काली मंदिर तक इंटरलॉकिंग रोड व नाली के निर्माण का टेंडर 27 दिसंबर 2018 को हुआ है। इसकी स्वीकृति करके इसका निर्माण कार्य करीब नौ लाख रुपये की लागत से डूडा से कराया गया था। इस प्रकरण को लेकर मंडलायुक्त को साक्ष्य के तौर पर कार्य शुरू करने के लिए दिए गए वर्कऑर्डर, कांट्रेक्टर की ओर से अपलोड की कई निविदा की कॉपी, कार्य पूर्ण होने पर डूडा की ओर से लगाए गए बोर्ड आदि भी उपलब्ध कराए गए हैं।

जबकि इसके अगले साल बाद वर्ष 2019 में नगर निगम ने इस रोड के निर्माण के लिए 27 जुलाई 2019 को निविदा आमंत्रित की। इसमें सीसी रोड और नाली का निर्माण होशियार सिंह के मकान से काली मंदिर तक दिखाया गया है। जबकि शिकायतकर्ता का दावा है कि होशियार सिंह व अनिल यादव का मकान एक ही है। इस काम के लिए दो निविदाएं जनवरी 2020 में खोली गईं। टेंडर प्रक्रिया के बाद नगर आयुक्त ने राशिद अली नाम के एक ठेकेदार को सड़क निर्माण के लिए वर्कऑर्डर जारी कर दिया गया।

इस तरह एक ही सड़क के डूडा और नगर निगम के अलग-अलग भुगतान लेने का घपला सामने आया है। मंडलायुक्त के निर्देश के बाद नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने नगर निगम के मुख्य अभियंता बीके सिंह को जांच सौंपते हुए रिपोर्ट मांगी है। मुख्य अभियंता ने डूडा और नगर निगम दोनों के ही इंजीनियरों से इस मामले को लेकर जवाब मांगे हैं।

नगर निगम के एक एई-जेई के साइन से हो गया फर्जी भुगतान
महेशपुर अटरिया वार्ड में एक सड़क के निर्माण में फर्जी भुगतान के प्रकरण में नगर निगम के एक सहायक और एक अवर अभियंता के नाम सामने आए हैं। नगर आयुक्त की ओर से जारी जांच के आदेश में इन दोनों अभियंताओं के नामों का भी उल्लेख किया गया है। शिकायकर्ता ने इन दोनों इंजीनियरों के फर्जी भुगतान कराने के मामले को लेकर कई साक्ष्यों के पेश किया है।

पहले भी उठते रहे हैं इंजीनियरों की भूमिका पर सवाल
नगर निगम के इंजीनियरों की भूमिका पर पहले भी सवाल खड़े होते रहते हैं। ठेकेदारों के कामों के मनमाने तरीके से बिल बनाने और भुगतान करने में विलंब करने के मामलों की शिकायत होती रहती है। इस वजह से बड़ी संख्या में सड़कों के निर्माण अधूरे पड़े हैं। अब शिकंजा कसने के बाद कामों में कुछ तेजी आई है।

वर्जन-
इस प्रकरण को लेकर डूडा और नगर निगम दोनों के ही इंजीनियरों से जवाब मांगे गए हैं। इसके आधार पर ही जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल अभी दोनों जगह से जवाब दाखिल होने बाकी हैं। -बीके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम

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