बिमल रॉय, जिन्होंने पहली फिल्म से बनाई दुनिया में अलग पहचान

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Death Anniversary in Bimal Roy : बिमल रॉय नाम है हिंदी सिनेमा के उस महान निर्देशक का जिन्होंने अपनी फिल्म से ही दुनिया भर में एक अलग पहचान कायम कर ली थी। उन्होंने हिंदी और बांग्ला भाषा में कई फिल्में बनाईं हैं। बिमल रॉय की शानदार फिल्मों में ‘दो बीघा जमीन’, ‘परिणीता’, ‘बिराज बहू’, ‘मधुमति’, …

Death Anniversary in Bimal Roy : बिमल रॉय नाम है हिंदी सिनेमा के उस महान निर्देशक का जिन्होंने अपनी फिल्म से ही दुनिया भर में एक अलग पहचान कायम कर ली थी। उन्होंने हिंदी और बांग्ला भाषा में कई फिल्में बनाईं हैं। बिमल रॉय की शानदार फिल्मों में ‘दो बीघा जमीन’, ‘परिणीता’, ‘बिराज बहू’, ‘मधुमति’, ‘सुजाता’, ‘देवदास’ और ‘बंदिनी’ ‘परख’ भी शामिल हैं। इन फिल्मों को अलग अलग कैटेगरी में अवॉर्ड दिया गया था। तो आइए आइये जानें एक्टर से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…

जमींदार के बेटे थे बिमल रॉय
बिमल रॉय का जन्म 12 जुलाई 1909 को ढाका में एक जमींदार परिवार में हुआ था, जो अब बांग्लादेश की राजधानी है। पिता के आकस्मिक निधन के बाद हुए पारिवारिक विवाद में बिमल रॉय को जमींदारी से बेदखल कर दिया गया। इसके बाद वह सिनेमा सीखने के लिए कोलकाता आ गए और बतौर कैमरा असिस्टेंट काम करने लगे। 1950 में अपनी टीम के साथ मुंबई चले गए।

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फिल्म‘दो बीघा जमीन’से की डायरेक्शन की शुरुआत
मशहूर निर्देशक बिमल राय ने डायरेक्शन के क्षेत्र में शुरुआत वर्ष 1953 में फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ से की थी। वर्ष 1959 में बिमल ने पहले मास्को अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी में सदस्य थे। बिमल रॉय ने मानवीय सरोकारों से जुड़े मुद्दों को अपने सिनेमा के जरिए दिखाया। संगीतकार सलिल चौधरी को बिमल रॉय ने ‘दो बीघा जमीन’ के लिए हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक दिया। सलिल चौधरी ने फिल्म की कहानी भी लिखी थी और बलराज साहनी को मुख्य भूमिका के लिए बिमल रॉय से मिलवाया था। यह वही फिल्म थी जिसने बिमल रॉय को अमर कर दिया। दो बीघा जमीन 1953 में आई थी। साल 1953 में बिमल रॉय की फिल्म दो बीघा जमीन को कांस में इंटरनेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था।

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फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ न सिर्फ किसानी को समर्पित जबरदस्त फिल्म है बल्कि अभिनेताओं के लिए भी धर्मपुस्तक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे काफी सराहा गया और कई पुरस्कार अपनी झोली में बटोरे। फिल्म देखने के बाद एक बार राजकपूर ने कहा था कि ‘मैं इस फिल्म को क्यों नहीं बना सका। अगले हजार साल बाद भी भारत की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची बनी तो ये फिल्म उसमें शामिल जरूर होगी।

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बिमल रॉय की फिल्म मधुमती ने जीते थे 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड
अपनी फिल्मों के लिए रॉय ने कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते। बिमल रॉय ने अपने करियर में 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड, दो नेशनल अवॉर्ड और कांस फिल्म फेस्टिवल का अवॉर्ड जीता। 1958 में आई उनकी फिल्म मधुमती ने रिकॉर्ड 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते थे। उनका ये रिकॉर्ड 37 सालों तक कायम रहा था। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि उनकी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ ने दिलाई। 1953 में आई और उनके निर्देशन में बनी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ को कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित किया गया था। कैंसर से पीड़ित बिमल रॉय 08 जनवरी 1965 में 55 साल की उम्र में चल बसे और हमेशा के लिए सिनेमा को अमर कर गए।

 

 

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