शिक्षक भर्ती मामला: सीएम आवास का घेराव करने जा रहे अभ्यर्थियों व पुलिस के बीच हुई तीखी झड़प

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लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अभ्यार्थियों का रह-रह कर सब्र का बांध टूटता जा रहा है।  69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ओबीसी के लिए 27 और एससीएसटी के लिए 21 फ़ीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने अभ्यर्थियों …

लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अभ्यार्थियों का रह-रह कर सब्र का बांध टूटता जा रहा है।  69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ओबीसी के लिए 27 और एससीएसटी के लिए 21 फ़ीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने अभ्यर्थियों को गोल्फ़ क्लब पर रोक लिया। मौक़े पर मौजूद पीएसी बल और पुलिस के बीच हंगामा शुरू हो गया।

अभ्यर्थी तख्ती पर लिखी अपनी मांगों और बैनर लेकर आरक्षण की मांग करते हुए जैसे ही सीएम आवास की तरफ बढ़े तो पुलिस ने घेराबंदी कर ली और पांच कालीदास मार्ग को जाने वाले रास्ते का गेट बंद कर दिया गया। पीएसी बुलाई गई। अभ्यर्थियों को पुलिस ने घेराबंदी कर रोक लिया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया पर नहीं माने। बवाल बढ़ता देख पुलिस ने बस और अन्य गाड़ियां मंगाकर अभ्यर्थियों को जबरन गाड़ियों में भरना शुरू कर दिया।

इस पर पुलिस ने अभ्यर्थियों की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। हालांकि कि कुछ ही देर में पुलिस ने अभ्यर्थियों को गाड़ियों में भरकर ईको गार्डेन के लिए भेजा दिया। घटना से चौराहे पर यातायात बाधित हुआ और जाम लग गया। अभ्यर्थियों के जाने के बाद पुलिस ने वाहनों का संचालन शुरू कराया। यातायात व्यवस्था सामान्य होते करीब एक घंटा लग गया।

क्या है अभ्यार्थियों कि मांग

आरक्षण पीड़ित ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों कि माँग है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग की 18598 सीट थीं।जिनमें से मात्र ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 2637 सीट ही दी गयी हैं। ओबीसी वर्ग को 27 फीसद आरक्षण की जगह मात्र 3.86 फीसद आरक्षण दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21 फीसद आरक्षण की जगह मात्र 16.6 फीसदआरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है। अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि या तो उन्हें इस भर्ती में 27 एवं 21 फीसद आरक्षण पूरा दिया जाए। लखनऊ हाईकोर्ट में जितने भी याची हैं उन सभी याचियों को याची लाभ दिया जाए तभी यह मामला पूरी तरह से समाप्त हो सकता है।

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