मथुरा: चार्जिंग प्वांइट न बनने से नहीं हो पाया ई-बसों का संचालन

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मथुरा। मुख्यमंत्री की ओर से शुरु की गई इलेक्ट्रिक बसों का सुचारु संचालन होने की राह में चार्जिंग प्वाइंट नहीं बन पाने, मार्ग में पड़ने वाले रेल पुल की ऊंचाई कम होने, किराए की दर कंप्यूटर प्रणाली में फीड न हो पाने और बसों के पंजीकरण संबंधी औपचारिकतायें पूरी नहीं हो पाना बाधक बन गया …

मथुरा। मुख्यमंत्री की ओर से शुरु की गई इलेक्ट्रिक बसों का सुचारु संचालन होने की राह में चार्जिंग प्वाइंट नहीं बन पाने, मार्ग में पड़ने वाले रेल पुल की ऊंचाई कम होने, किराए की दर कंप्यूटर प्रणाली में फीड न हो पाने और बसों के पंजीकरण संबंधी औपचारिकतायें पूरी नहीं हो पाना बाधक बन गया है।

योगी ने मंगलवार को इन ब़सों का वर्चुअल उद्घाटन किया था। मगर, कुछ शुरआती बाधाओं के कारण प्रदेश की धार्मिक पर्यटन नगरी में ई-बसों का परिचालन शुरू नहीं हो सका है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के क्रम में मथुरा को भी पहले चरण में आठ बसें मिली थी। इनमें से दो बसों का संचालन मंगलवार से ही शुरू हो जाना था।

स्थानीय परिवहन अधिकारी नरेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि बसों के संचालन में मुख्य बाधा चार्जिंग प्वाइन्ट की है, क्योंकि इसे बनाने के लिए तीन चार संस्थाएं जुड़ी हैं। इसलिए इनका परिचालन सुचारु होने में कुछ समय लग रहा है। नरेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि संबंधित अधिकारियों से चार्जिंग प्वांइट लगाने सहित अन्य औपचारिकताओं को तत्काल पूरा करने को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि दूसरी बाधा बसों के पूर्व निर्धारित मार्ग पर पड़ने वाले रेलवे पुलों को लेकर है। पुल नीचे हैं जब कि बसें ऊंची हैं। पूर्व में मार्ग निधारित करने में यह प्रयास किया गया था कि वृन्दावन से चलने वाली बसों में सवार होने वाले तीर्थ यात्री मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख मंदिरों पर उतर कर दर्शन कर सकें और अगली बस आने पर फिर इस सुविधा का लाभ ले सकें।

वहीं, स्थानीय लोग मथुरा कचेहरी तक के मार्ग को इन बसों से पूरा कर सकें। क्योंकि रेल पुल इसमें बाधक बन रहे हैं। इस समस्या के समाधान पर मंथन चल रहा है।

नरेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि बसों का पंजीकरण, किराये की दर को कंप्यूटर में फीड करने जैसी मामूली औपचारिकतायें भी जल्द पूरी की जा रही हैं। इन औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद ही ई-बसें चल सकेंगी।

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