लखीमपुर-खीरी: पार्टी विरोधी गतिविधयों को लेकर बसपा ने लिया एक्शन, दो जिलाध्यक्षों समेत 5 को किया निष्कासित

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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। बसपा जिलाध्यक्ष ने पार्टी के दो पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ ही शहर निवासी मोहन वाजपेई सहित चार लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधयों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे जिले की सियात एक बार फिर गरमा गई है। मोहन वाजपेई पार्टी से ही विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी जोरों …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। बसपा जिलाध्यक्ष ने पार्टी के दो पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ ही शहर निवासी मोहन वाजपेई सहित चार लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधयों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे जिले की सियात एक बार फिर गरमा गई है। मोहन वाजपेई पार्टी से ही विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी जोरों से कर रहे थे।

बसपा जिलाध्यक्ष अजय चैधरी ने बताया कि लखीमपुर जिला यूनिट द्वारा पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष उमाशंकर गौतम पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद चैधरी, मोहन बाजपेई और मितौली के दिनेश मास्टर को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की रिपोरर्ट दी गई थी, जिसकी विभिन्न सूत्रों से छानबीन कराई गई। जांच के दौरान लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई, जिस पर चारों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि निष्कासन के पूर्व में भी की बार दोनों पूर्व जिलाध्यक्ष, मोहन बाजपेई और दिनेश मासटर को चेतावनी भी दी जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है। शहर निवासी प्रमुख ट्रांसपोर्टर मोहन वाजपेई का बसपा से टिकट लगभग तय माना जा रहा था। जिले के ब्राहम्णों को साधने के लिए करीब चार महीने पहले शहर में प्रबुद्ध सम्मेलन हुआ था, जिसमें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा भी आए थे।

सम्मेलन के बाद से मोहन वाजपेई ने सदर विधानसभा पर अपनी दावेदारी मजबूत देखते हुए तैयारी तेज कर दी थी, लेकिन अचानक उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त बताकर निष्कासन से बसपा कार्यकर्ताओं हतप्रद हैं। बसपा के सूत्र बताते हैं दोनों पूर्व जिलाध्यक्षों और मोहन वाजपेई के निष्कासन से पार्टी में फूट पड़ेगी।

पार्टी दो धड़ों में अभी से ही नजर आने लगेगी। राजनीतिकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव सिर पर है। चुनाव की अधिसूचना भी जारी होने वाली है। इस बीच जनता के बीच दमदार पैठ बनाने वाले मोहन वाजपेई के निष्कासन से जिले में बसपा को करारा झटका लगेगा।

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