बालिकाओं को सम्मान से जन्म लेने के साथ मिले अन्य सभी अधिकार : रेनू यादव

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जालौन। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में कन्या मृत्यु दर कम करने और उन्हें गर्भ में ही मार देने जैसी कुरीतियों को दूर करने के संबंध में जालौन जिला प्रशासन ने रविवार को जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में उरई सभागार में शनिवार को आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते …

जालौन। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में कन्या मृत्यु दर कम करने और उन्हें गर्भ में ही मार देने जैसी कुरीतियों को दूर करने के संबंध में जालौन जिला प्रशासन ने रविवार को जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में उरई सभागार में शनिवार को आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुए प्राधिकरण सचिव रेनू यादव ने कहा कि आज गर्भ में पल रही बालिका को भी जन्म लेने का हक है इसलिये उसे गर्भ में न मारें, बल्कि उसे सम्मान से जन्म लेने दें।

लड़कों की तरह उसे भी पढ़ायें-लिखायें तथा वह सारे अधिकार व सुविधायें दें जो प्रायः लड़कों को दी जाती हैं। यह शिविर नालसा और सालसा के प्लान ऑफ एक्शन के अन्तर्गत ‘‘द गर्ल चाइल्ड डे‘‘ के उपलक्ष्य में ‘‘बालिकाओं का जन्म एवं शिक्षा का अधिकार “ विषय पर जनपद न्यायाधीश तरूण सक्सेना के निर्देशानुसार आज आयोजित किया गया।

शिविर में सचिव रेनू यादव ने जनसामान्य और तहसील कर्मचारियों को बताया कि भारत में लिंग चयन, प्रसव पूर्व एवं प्रसवोपरान्त कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पीसी.-पीएनडीटी. एक्ट को लागू किया गया है। अवैध गर्भ समापन और अल्ट्रासाउन्ड सेन्टर को इस एक्ट के दायरे में लाया गया है, ताकि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हो सके। ऐसा इसलिये कि समाज में लड़के व लड़की की संख्या का अनुपात जिसे लिंगानुपात कहा जाता है, सन्तुलित बना रहे।

तहसील विधिक सेवा समिति सचिव सह तहसीलदार उरई कुमार भूपेन्द्र ने कहा कि गर्भस्थ शिशु की हत्या वैधानिक, सामाजिक और शास्त्रीय रूप से भी अपराध है और यह पाप की श्रेणी में आता है इसलिये इससे बचाव की आवश्यकता है। बेटियों को बचाने और उन्हें पढ़ाने की जरूरत है, ताकि भारत एक सभ्य व शिक्षित समाज बन सके।

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