Happy New Year 2022: प्रभु नाम के सुमिरन से करें नव वर्ष का शुभारंभ, मिलेगा कष्टों से छुटकारा
दबे कदमों से साल 2021 जाने की तैयारी में हैं। नए साल के स्वागत के लिए सभी पलक-पांवड़े बिछाए बैठे हैं। बीते साल के अनुभव कुछ खास नहीं रहे। कोविड संकट के झंझावातों से पूरा विश्व साल भर जूझता रहा। ऐसे में आने वाले साल से लोगों की ढेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं। हर कोई …
दबे कदमों से साल 2021 जाने की तैयारी में हैं। नए साल के स्वागत के लिए सभी पलक-पांवड़े बिछाए बैठे हैं। बीते साल के अनुभव कुछ खास नहीं रहे। कोविड संकट के झंझावातों से पूरा विश्व साल भर जूझता रहा। ऐसे में आने वाले साल से लोगों की ढेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं। हर कोई चाहता है कि यह साल सबके जीवन में नया सवेरा लेकर आए। ऐसे में हमें संकल्प लेना होगा कि जो गलतियां, जो चूक बीते वर्ष में हमसे हुईं, उनकी पुनरावृत्ति न हो। बीते साल में कोरोना नाम के डर ने इस बार ओमिक्रॉन का रूप ले लिया है। ऐसे में हमें बहुत ही सचेत रहने की आवश्यकता है। संकट की इस घड़ी में हम जो चीज सुरक्षित रख सकती है वह है प्रभु का नाम। ऐसे में आपके जो भी इष्ट हो उनके नाम का सुमिरन ही आपको बड़े से बड़े संकट से बचा सकता है। तो आए इस अवसर पर अपने इष्ट की आराधना कर नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का प्रण करें।
आइए जानें किन मंत्रों का जाप कर नव वर्ष में पा सकते हैं इष्ट कृपा।
नए साल का शुभारंभ भगवान की आराधना से करना हैं। इसलिए घर के साथ ही मंदिर सजा कर भगवान से साल में किसी भी तरह की दुश्वारियां न आने की प्रार्थना के साथ ही सुख-समृद्धि की कामना करें। पूजा-पाठ का समय न हो तो मन में ही भगवान को याद करें। प्रात:काल में स्नानादि से निवृत्त होकर निम्नवर्णित मंत्रों का जाप कर नए साल को सुखद बनाया जा सकता है।
ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम।
श्रीकृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
इस चमत्कारिक मंत्र से नव वर्ष का आरंभ करें। यह मंत्र सभी प्रकारों के तनाव और क्लेश का अंत करने में सहायक है।
ॐ नम: शिवाय।
भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की चिंताओं से मुक्ति मिलती है। इसका नित्य जाप भी लाभकारी है। नित्य इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति और ऊर्जा मिलती है।
ॐ हं हनुमते नम:।
हनुमान जी को संकटमोचक कहा गया है। नए वर्ष में किसी प्रकार का कोई संकट जीवन में न आए, इसके लिए इस मंत्र का जाप करें। यह मंत्र अज्ञात भय व घबराहट को दूर करता है और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव।।
त्वमेव विद्या द्रविड़ं त्वमेव।
त्वमेव सर्वं मम देव देव।।
इस मंत्र का जाप करने से माता-पिता और भगवान का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही तनाव भी दूर होता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
भगवान शिव का यह प्रिय मंत्र है। इसे महामृंत्युजय मंत्र कहते हैं। यह मंत्र शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव का अभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
इस मंत्र का जाप करने से सुख-समृद्धि आती है। इसे गायत्री मंत्र कहा जाता है।
