खटीमा को जिला बनाने की मांग तेज
खटीमा, अमृत विचार। खटीमा जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एमसी भट्ट के नेतृत्व में मंगलवार को एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर खटीमा को जिला बनाने की मांग उठाई गई। सुझाव दिया है कि तहसील खटीमा, सितारगंज व टनकपुर क्षेत्र के बस्तिया तक के क्षेत्र को मिलाकर जिला बनाया जाए। समिति …
खटीमा, अमृत विचार। खटीमा जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एमसी भट्ट के नेतृत्व में मंगलवार को एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर खटीमा को जिला बनाने की मांग उठाई गई। सुझाव दिया है कि तहसील खटीमा, सितारगंज व टनकपुर क्षेत्र के बस्तिया तक के क्षेत्र को मिलाकर जिला बनाया जाए।
समिति के अध्यक्ष ने कहिा कि समिति ने पहला ज्ञापन 29 सितंबर 2000 को राज्यपाल यूपी को भेजा था। तब से निरंतर समिति मांग उठा रही है। 13 फरवरी 2004 को जिले की मांग को लेकर 13 मीटर लंबा हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही 73 दिन तक क्रमिक अनशन भी किया। इस बीच तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने मंच से 28 मई 2001 को कांग्रेस के परिर्वतन यात्रा रैली के दौरान तहसील परिसर से जिला बनाने जाने का वायदा किया।
यह वायदा कोरा साबित हुआ। ज्ञापन भेजने वालों में एडवोकेट टीएस जेठी, एड. मनोज तिवारी, एड. विक्रम सिंह धामी, एडत्र राजेश कुमार रस्तोगी, एड. दलेर सिंह, कैलाश चंद्र, हरीश चंद्र सुयाल, एड. रामवचन, एड. टीएस बिष्ट, एड. विमलेश कुमार शर्मा, जयपाल सिंह राणा, संजीत सिंह राणा, संदीप कुमार भटनागर, वीरेंद्र सिंह राय, जगत सिंह, चंद्र कुमार पाल, दीपेंद्र जुकरिया आदि शामिल हैं।
