बरेली: कथक नृत्य की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
बरेली, अमृत विचार। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम भारतीय संस्कृति को दर्शाते लखनऊ घराने के कथक नृत्य को ‘उमंग’ कार्यक्रम के द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में गुरु और शिष्य के बीच जुगलबंदी देखने को मिली जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। कार्यक्रम की शुरुआत रिद्धिमा विद्यार्थियों ने राग यमन पर आधारित गणपति वंदना ‘गाइए …
बरेली, अमृत विचार। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम भारतीय संस्कृति को दर्शाते लखनऊ घराने के कथक नृत्य को ‘उमंग’ कार्यक्रम के द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में गुरु और शिष्य के बीच जुगलबंदी देखने को मिली जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया।
कार्यक्रम की शुरुआत रिद्धिमा विद्यार्थियों ने राग यमन पर आधारित गणपति वंदना ‘गाइए जग वंदन’ पर नृत्य प्रस्तुत कर की। इसके बाद राग रूपक और श्रृंगार रस पर आधारित ठुमरी ‘निर्तत ढंग’ जिसमें गोपियां भगवान श्रीकृष्ण को याद कर नृत्य करती हैं को विद्यार्थियों ने पेश कर दर्शकों की खूब तालियों बटोरीं।
इस संगीतमय शाम में अगली प्रस्तुति तराना की रही जिसमें विद्यार्थियो ने ताल और घुंघरुओं की जुगलबांदी को बहुत खूबसूरती से पेश किया। विद्यार्थियों के बाद गुरुओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया जिसमें भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप को कथक के माध्यम से गुरु देबज्योति नक्सर और रियाश्री चटर्जी ने रूपक ताल पर प्रस्तुत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। साथ ही मध्यम और ध्रुत की तीन ताल भी पेश की गई जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
आगे मोमिन खां मोमिन की गजल ‘वो जो हम में तुम में करार था’ पर गुरु देवज्योति नक्सर और रियाश्री चटर्जी ने कथक प्रस्तुति देकर शाम को संगीतमय बना दिया। कार्यक्रम का अंत में गुरु देवज्योति और रियाश्री ने तराना पेश किया जिसमे नर्तक और तबला वादक के मध्य बहुत ही सुंदर प्रतिस्पर्धा देखने को मिली।
कार्यक्रम में शिवांगी मिश्रा और शिवाशीष मिश्रा ने अपनी सुरीली आवाज में गणपती वंदना और गजल प्रस्तुत की, तबले पर शिव शंभू कपूर और दीपक सहाय, सितार पर कुंवरपाल, सारंगी पर अनीश मिश्रा और उमेश मिश्रा, वॉयलन पर सूर्यकांत चौधरी ने संगीत से कार्यक्रम में चारचंद लगा दिए। सभागार में एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, ऋचा मूर्ति और शहर के संभ्रांत लोग मौजूद रहे।
