पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने लगाया विराम, कहा- मैं 24 कैरेट का कांग्रेसी हूं, पार्टी से नाराज नहीं

पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने लगाया विराम, कहा- मैं 24 कैरेट का कांग्रेसी हूं, पार्टी से नाराज नहीं

जम्मू। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर रविवार को विराम लगाते हुए खुद को ”24 कैरेट का कांग्रेसी” बताया और कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पिछले लगभग दो महीनों से जम्मू-कश्मीर में जनसभाएं …

जम्मू। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ने की सभी अटकलों पर रविवार को विराम लगाते हुए खुद को ”24 कैरेट का कांग्रेसी” बताया और कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पिछले लगभग दो महीनों से जम्मू-कश्मीर में जनसभाएं कर रहे हैं। जम्मू के बाहरी इलाके खुर के सीमावर्ती इलाके में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, आजाद ने कहा कि सुधार एक गतिशील प्रक्रिया है और लोगों के लाभ के लिए हर पार्टी, समाज और देश के लिए अनिवार्य है।

आजाद ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तरह पार्टी छोड़ने की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, ”हां, मैं कांग्रेसी हूं। आपको किसने कहा कि मैं (कांग्रेसी) नहीं हूं? 24 ‘कैरेट’ कांग्रेसी हूं। अगर 18 कैरेट 24 कैरेट को चुनौती दे रहा है तो क्या फर्क पड़ता है?” पिछले साल सांगठनिक बदलाव की मांग करने वाले 23 कांग्रेसी नेताओं में शामिल आजाद ने कहा कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “विभाजन करने वाले दलों को केवल विभाजन दिखाई देता है। हम लोगों को जोड़ रहे हैं। हम एकता (पार्टी रैंकों में) बना रहे हैं क्योंकि हम एकीकरण के लिए जीते हैं।” सुधारों के उनके आह्वान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर पार्टी, हर समाज और देश में सुधार की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, “सुधार एक सतत प्रक्रिया है और हर पार्टी में जरूरी है, अतीत की कई बुराइयां आज समाज में सुधारों के कारण समाप्त हो गयी हैं।”

उन्होंने कहा कि आज समाज में व्याप्त साम्प्रदायिकता और जातिवाद को भी जोड़ने की जरूरत है। आजाद ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है, एक गतिशील प्रक्रिया है जो पूरी दुनिया में जारी है। श्रीनगर में सेना के एक अधिकारी द्वारा उजागर किए गए “सफेद आतंकवाद” पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनका इससे क्या मतलब है। उन्होंने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि राजनेताओं को लोगों के कल्याण के लिए सही काम करना चाहिए था, लेकिन कभी-कभी उन्होंने लोगों को बांटकर शैतान का काम किया। हमें इससे बचना चाहिए।”

परिसीमन प्रक्रिया के बाद होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग ही सर्वोपरि होते हैं और किसी भी पार्टी की हार और जीत उनके हाथ में होती है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से “नाराज” हैं।