बरेली: शहीद-ए-आजम के वंशज को आवंटित हुई उचित दर की दुकान

बरेली, अमृत विचार। लियाकत अली खान शहीद-ए-आजम नवाब खान बहादुर खान के वंशज हैं। वहीं नवाब खान बहादुर खान जिन्होंने पूरे रुहेलखंड में कंपनी सरकार के खिलाफ 1857 की क्रांति के दौरान मोर्चा खोला था। बरेली समेत पूरे रुहलेखंड को उन्होंने 11 महीने तक आजाद रखा। बाद में उन्हें फांसी के तख्ते पर लटका दिया …
बरेली, अमृत विचार। लियाकत अली खान शहीद-ए-आजम नवाब खान बहादुर खान के वंशज हैं। वहीं नवाब खान बहादुर खान जिन्होंने पूरे रुहेलखंड में कंपनी सरकार के खिलाफ 1857 की क्रांति के दौरान मोर्चा खोला था। बरेली समेत पूरे रुहलेखंड को उन्होंने 11 महीने तक आजाद रखा। बाद में उन्हें फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया।
ऐसी अजीम शख्सियत के वंशज लियाकत अली खान बीते दिनों पूर्ति विभाग की चौखट पर स्वतंत्रता सेनानी आश्रित कोटे से एक सरकारी सस्ता गल्ला दुकान मांगने पहुंचे थे। लियाकत अली खान और उनका परिवार किस बदहाली में रहने को मजबूर है। इस खबर को अमृत विचार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद अधिकारियों के कानों मे जूं रेंगी और पूर्ति विभाग ने भूड़ पर सरकारी राशन की दुकान आवंटित कर दी।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में लाटरी प्रक्रिया के तहत रिक्त चल रहीं सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया की गई थी जिसमें से 5 दुकानों को लाटरी प्रक्रिया के तहत आवंटित कर दिया गया। पूर्ति विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे थे। लियाक अली खान ने अपनी बेटी शगुफ्ता खान के नाम से आवेदन किया था। लिहाजा, उन्हे मै. अंकुर सक्सेना, भूड़ रिक्त चल रही दुकान आवंटित कर दी गई। बेटी के नाम से सरकारी खाद्यान की दुकान आवंटित होने के बाद लियाकत अली खान ने खुशी जाहिर की है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में पुराने टायरों और ट्यूब को बेचकर गुजर-बसर करते हैं। इन पुराने टायरों को ढूंढने के लिए ट्रांसपोर्ट पर खाक छाननी पड़ती है तब जाकर रोजी-रोटी का गुजारा होता है। अब दुकान आवंटित हुई है तो शायद कुछ भला हो जाए। परिवार में तीन बेटियां, एक बेटा और पत्नी है। बेटी शगुफ्ता खान बीएड करना चाहती है लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बिटिया की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है लेकिन अब वह इस दुकान की जिम्मेदारी पूरी मेहनत के साथ निभाएंगी।
विभाग के अधिकारियों की माने तो करीब 6 आवेदन इस श्रेणी में आए थे। बाकियों के कागज पूरे नहीं होने के चलते अंत में शगुफ्ता खान नाम से दुकान आवंटित की गई है। दुकान आवंटित होने के बाद परिवार ने अमृत विचार अखबार का शुक्रिया अदा किया।
लाटरी प्रक्रिया से दुकानों का रिक्त पड़ी दुकानों का आवंटन किया गया है जिसमें भूड़ पर रिक्त एक दुकान नवाब खान बहादुर खान के वंशज लियाकत अली खान की बेटी शगुफ्ता खान को आवंटित की गई है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित कोटे से कुल 6 आवेदन मिले थे। -नीरज सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी