हल्द्वानी: मुख्यमंत्री ने पांच बार किया निराश, अब एचपी मजदूर संघ प्रधानमंत्री से लगाएगा न्याय की गुहार

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हल्द्वानी, अमृत विचार। सिडकुल की एचपी कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों का सब्र अब जवाल दे रहा है। पिछले 115 दिनों से श्रम भवन परिसर में धरने पर बैठे एचपी कर्मचारी अब धामी सरकार को जगाने के लिए सांसदों, मंत्रियों के आवासों का घेराव करेंगे। साथ ही सिडकुल के श्रमिकों को साथ में लेकर प्रदेश …

हल्द्वानी, अमृत विचार। सिडकुल की एचपी कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों का सब्र अब जवाल दे रहा है। पिछले 115 दिनों से श्रम भवन परिसर में धरने पर बैठे एचपी कर्मचारी अब धामी सरकार को जगाने के लिए सांसदों, मंत्रियों के आवासों का घेराव करेंगे। साथ ही सिडकुल के श्रमिकों को साथ में लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बेरोजगारी मेले भी लगाएंगे। बृहस्पतिवार को कालाढूंगी रोड स्थित बैक्वेंट हॉल में एचपी मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी।

इस दौरान संघ के अध्यक्ष विनीत कपिल ने कहा कि पांच बार मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगा चुके हैं लेकिन हर बार मुख्यमंत्री ने सिर्फ आश्वासन ही दिया। नौकरी खोने के दर्द से मुख्यमंत्री पूरी तरह से अंजान हैं। सैकड़ों कर्मचारी ही नहीं उनके परिवार भी मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। आंदोलन के दौरान एक कर्मचारी को हार्ट अटैक भी आ गया है। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर तक सरकार ने सुध नहीं ली तो 30 दिसंबर को परिजन और सामाजिक संगठनों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाएंगे।

एचपी मजदूर संघ के महामंत्री भवान सिंह ने कहा कि समझ नहीं आता कि आखिर डबल इंजन सरकार युवाओं को रोजगार देने में हाथ पीछे क्यों खींच रही है। वर्तमान सरकार युवाओं को रोजगार तो दे नहीं पा रही है लेकिन जो युवा रोजगार में हैं उनकी नौकरी को बचा भी नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि जब एचपी जैसी कंपनी रोजगार छीनकर भाग सकती है तो आने वाले वक्त में सिडकुल की दूसरी कंपनियां भी युवाओं के भविष्य को अंधकार में झोंकने में देर नहीं लगाएंगी।

मनोज पंतोला और निर्मल पंत ने कहा कि प्रदेश की युवा सरकार 500 से अधिक युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाकर जाने वाली एचपी कंपनी को रोकने के प्रयास नहीं कर रही है। कर्मचारी मानसिक पीड़ा से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार बेसुध है। ऐसे में आईटी के क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं का भविष्य भी दांव पर लगा है।

इस दौरान उपाध्यक्ष गंगा सिंह, धीरेंद्र मेहरा, कमल उपाध्याय, विवेक रावत, विनोद सुयाल, निरंकार सिंह, विजेंद्र पंवार,  युगल भट्ट, संतोष कांडपाल, शैलेंद्र रावत, नरेंद्र सनवाल आदि थे।

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