हल्द्वानी: सवा लाख मीट्रिक टन कचरे का हो सकेगा निस्तारण
हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रंचिंग ग्राउंड में महीनों से एकत्रित सवा लाख मीट्रिक टन कचरे का अब निस्तारण हो सकेगा। इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (आईएसडब्ल्यूएम) के 20.46 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर शुक्रवार को हरी झंडी मिल जाएगी। इसका ठेका गैर उत्तराखंडी को मिलने की संभावनाएं हैं। गौलापार स्थित करीब चार हेक्टेयर में बने ट्रंचिंग …
हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रंचिंग ग्राउंड में महीनों से एकत्रित सवा लाख मीट्रिक टन कचरे का अब निस्तारण हो सकेगा। इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट (आईएसडब्ल्यूएम) के 20.46 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर शुक्रवार को हरी झंडी मिल जाएगी। इसका ठेका गैर उत्तराखंडी को मिलने की संभावनाएं हैं।
गौलापार स्थित करीब चार हेक्टेयर में बने ट्रंचिंग ग्राउंड में महीनों से कचरा जमा हो रहा है। हल्द्वानी के अलावा नैनीताल, भीमताल और लालकुआं से यहां कचरा तो इकट्ठा हुआ, लेकिन उसके निस्तारण को लेकर अभी तक निगम आईएसडब्ल्यूएम प्लांट तैयार नहीं कर सका। हर बार ठेके के लिए कार्यवाही हुई, लेकिन आवेदन नहीं आने से उसे पूरा नहीं किया जा सका।
लिहाजा कचरा सवा लाख मीट्रिक टन के करीब एकत्र हो गया। वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि सात दिसंबर को ठेके के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई अन्य प्रदेशों के ठेकेदारों ने आवेदन किए हैं। गुरुवार को निविदा खुलेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 17.46 करोड़ रुपये नगर निगम व करीब तीन करोड़ रुपये ठेकेदार की ओर से खर्च होंगे। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) समिति की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद कार्रवाई आगे बढ़ा दी जाएगी।
जमा कचरे से बनेगी 93.75 लाख किग्रा खाद
ट्रंचिंग ग्राउंड में प्रोसेसिंग एंड डिस्पोजल व बायो मीनिंग ऑफ द लिगेसी वेस्ट प्लांट भी लगाया जाएगा। जिससे जमा कचरे से खाद बनाई जा सके। वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कांडपाल के अनुसार कुल कचरे का 7.5 फीसदी खाद बनती है। उन्होंने बताया कि ट्रंचिंग ग्राउंड में जमा सवा लाख मीट्रिक टन कचरे के रिसाइकिल (निस्तारित) के बाद अनुमानित 93.75 लाख किग्रा खाद बनाई जा सकती है। उसके बाद शेष कचरे से आरडीएफ (रिफ्यूज डिलॉइव फ्यूल) तैयार किया जाएगा, जो ईंधन के प्रयोग में लाया जाएगा।
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर गीला, सूखा और खतरनाक कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है। ट्रंचिंग ग्राउंड में एकत्रित कचरे का निस्तारण हो सके, इसके लिए प्लांट को जल्द तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। खाद और आरडीएफ बनने से निगम के आमदनी स्रोत भी बढ़ सकेंगे।
-पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त
-मनीष तिवारी
