कानपुर: शहीद को प्लॉट देने के प्रस्ताव पर सदन में हंगामा, महापौर ने जताई नाराजगी
कानपुर। नगर निगम सदन हो और पार्षद लाइमलाइट में आने के लिए हंगामा न करें, ऐसा तो हो नहीं सकता लेकिन सोमवार को सदन में शहीद को प्लॉट दिए जाने के प्रस्ताव पर ही हंगामा हो गया। पार्षदों के इस रवैये पर महापौर ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सेना के जवानों को …
कानपुर। नगर निगम सदन हो और पार्षद लाइमलाइट में आने के लिए हंगामा न करें, ऐसा तो हो नहीं सकता लेकिन सोमवार को सदन में शहीद को प्लॉट दिए जाने के प्रस्ताव पर ही हंगामा हो गया। पार्षदों के इस रवैये पर महापौर ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सेना के जवानों को हिंदु मुस्लिम मामले में न घसीटें। उन्होंने कहा कि सरहद पर तैनात जवान हिंदु मुस्लिम देखकर नहीं लड़ता। इसके बाद शहीद को प्लॉट देने का प्रस्ताव पास हो गया।
करगिल में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए कानपुर के बाबूपुरवा में रहने वाले मेजर सलमान की शहादत हुई थी। इसके बाद साल 2005 में शहीद मेजर सलमान के परिजनों ओ आधे रेट पर प्लॉट देने का प्रस्ताव हुआ था। 2005 के इस प्रस्ताव को करीब 16 साल हो गए लेकिन अब तक इसे सदन से पास नहीं कराया जा सका। सोमवार को हुए सदन में सपा पार्षद दल नेता हाजी सुहैल अहमद ने यह मामला उठाते हुए चर्चा करने की मांग की। इस पर भाजपा पार्षद धीरू त्रिपाठी उठ खड़े हुए और कहा कि सभी शहीदों के परिजनों को आधे रेट पर प्लॉट उपलब्ध कराया जाए। बातों बातों में कुछ तनातनी हुई तो विपक्ष के पार्षदों ने कहा कि पहले 16 साल पहले के प्रस्ताव को पास कर दिया जाए।
इस इसी बात पर हंगामा हो गया। पार्षदों का कहना था कि सभी शहीदों के परिजन को प्लॉट उपब्ध कराया जाए। इसी हंगामे के बीच सपा पार्षद अर्पित यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद शहीद केा जमीन देने के प्रस्ताव को पास नहीं करना चाहते. जबकि मुलायम सरकार के समय नगर निगम मुख्यालय का मुख्य द्वार मेजर सलमान के नाम पर किया गया था। हालांकि, भाजपा पार्षद नवीन पंडित ने कहा कि सदन में अधिकतर समय तक भाजपा का ही शासन रहा है।
आधे घंटे तक चले आरोप प्रत्यारोप के बाद कुछ पार्षदों ने कहा कि कुछ लोग इसे हिंदु-मुस्लिम करना चाहते हैं। इस पर महापौर ने नाराजगी जाहिर की। महापौर ने दो टूक कहा कि शहीद देश का होता है न कि किसी जाति और पंथ का. इसके बाद शहीद मेजर सलमान के परिजनों को महाबलीपुरम में आधे रेट पर प्लॉट देने का प्रस्ताव पास हुआ। वहीं, अन्य शहीदों को लेकर प्रस्ताव आने पर उनके परिजनों को प्लॉट देने का प्रस्ताव पास हुआ।
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