बरेली: औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
बरेली, अमृत विचार। उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। राज्य में चतुर्दिक विकास के लिए हाईवे, एक्सप्रेस-वे बनवाए जा रहे हैं। जिससे विभिन्न वस्तुओं के आयात-निर्यात एवं यातायात के लिए अच्छे साधन बन सके। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, …
बरेली, अमृत विचार। उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। राज्य में चतुर्दिक विकास के लिए हाईवे, एक्सप्रेस-वे बनवाए जा रहे हैं। जिससे विभिन्न वस्तुओं के आयात-निर्यात एवं यातायात के लिए अच्छे साधन बन सके। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बन रहे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे जहां पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के रास्ते खोल रहे हैं।
वहीं, गंगा एक्सप्रेस-वे के बनने से प्रदेश के पश्चिमांचल से लेकर पूर्वांचल तक सीधी एक्सप्रेस-वे की सेवा शुरू होगी। इससे शैक्षिक, प्राविधिक, तकनीकी, कृषि, औद्योगिक, व्यावसायिक, व्यापारिक, पर्यटन आदि क्षेत्रों में लाभ होगा। कच्चा माल शीघ्रता से अपने गंतव्य तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत होने के साथ समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव होगा। इस परियोजना के पूर्ण होने पर आच्छादित क्षेत्रों के निवासियों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। इसके साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों एवं कुटीर उद्योगों की आय भी बढ़ेगी।
एक्सप्रेस वे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लिए भी अवसर सुलभ बनाए जा रहे हैं। एक्सप्रेस-वे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में अब तक 82750 कृषकों से 94 प्रतिशत भूमि क्रय की जा चुकी है। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जब भूमि क्रय की जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर थी।
प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस-वे, मेरठ, बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाईपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुड़ापुर दांदू ग्राम के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस-वे जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर जायेगा।
यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन, 8 लेन विस्तारणीय की चौड़ाई में है, इसकी लम्बाई 594 किमी एवं राइट ऑफ-वे 120 मी लिया गया है। गंगा एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश एवं निकासी के लिए अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज द्वारा सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए स्टैगर्ड के रूप में सर्विस रोड का प्राविधान किया गया है। एक्सप्रेस-वे निर्माण के तहत 7 आरओबी, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 381 अण्डरपासेज का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।
उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए 9 जनसुविधा परिसर बनाये जाएंगे। आपातकाल में वायु सेना के विमानों के लैण्डिंग, टेक ऑफ के लिए जनपद शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी विकसित की जाएगी। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है।
