बिजली मंत्री बोले- उत्पादक कंपनियों के बढ़ते बकाये को लेकर उठाए जाएंगे ठोस कदम
नई दिल्ली। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको) के बढ़ते बकाये को देखते हुए राज्यों से बिजली क्षेत्र में वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने की दिशा में कदम उठाने को कहा है। सिंह ने बिजली क्षेत्र की एक समीक्षा बैठक में कहा कि राज्यों के वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने …
नई दिल्ली। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको) के बढ़ते बकाये को देखते हुए राज्यों से बिजली क्षेत्र में वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने की दिशा में कदम उठाने को कहा है। सिंह ने बिजली क्षेत्र की एक समीक्षा बैठक में कहा कि राज्यों के वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने से बिजली क्षेत्र में निवेश आएगा और ग्राहकों को भी बिजली की दरें कम होने एवं उपभोक्ता सेवाएं बेहतर होने का लाभ मिलेगा।
इस बैठक में राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के बिजली विभागों के अपर मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों के अलावा ऊर्जा क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। शुक्रवार को हुई बैठक में विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर तथा नई एवं नवीकरणीय ऊर्जा (एमएमआरई) राज्य मंत्री भगवंत खुबा भी उपस्थित थे।
सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार ने बिजली क्षेत्र को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि देश इस समय जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा कर रहा है। हमने पूरे देश को एक ग्रिड से जोड़ दिया है और वितरण प्रणाली को भी सुदृढ़ बनाया है। इन कदमों से ग्रामीण क्षेत्रों में 22 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 23.5 घंटे बिजली उपलब्धता हो गई है।
अगला कदम इसे किफायती मूल्य पर 24 घंटे एवं सातों दिन की निर्बाध आपूर्ति तक ले जाना है। बैठक में बिजली उत्पादक कंपनियों के बढ़ते बकाये के मामले पर भी विचार किया गया। इसमें सुझाव दिया गया कि समुचित मीटर, बिल तथा ऊर्जा लेखांकन के जरिये बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को तत्काल घाटे में कमी लाने से संबंधित कदम उठाने चाहिए।
संबंधित राज्य सरकारों द्वारा घोषित सब्सिडी के समुचित लेखांकन तथा डिस्कॉम को भुगतान भी सुनिश्चित किए जाने की जरूरत पर बल दिया गया। बैठक में यह दोहराया गया कि डिस्कॉम की उन्नत वित्तीय निर्वहनीयता न केवल कुल मिलाकर बिजली क्षेत्र में निवेश आकर्षित करेगी बल्कि बिजली की कम लागत और बेहतर उपभोक्ता सेवाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ पहुंचेगा।
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