मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह में नमाज रोकने की मांग
मथुरा। जिले की एक अदालत में शाही मस्जिद के अलावा सड़क पर नमाज अदा करने पर रोक लगाने के लिये प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। सिविल जज ज्योति सिंह की अदालत में चल रहे आठ वादों में ठाकुर केशवदेव जी महराज बनाम शाही मस्जिद ईदगाह वाद में अदालत से शाही मस्जिद ईदगाह में हो …
मथुरा। जिले की एक अदालत में शाही मस्जिद के अलावा सड़क पर नमाज अदा करने पर रोक लगाने के लिये प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। सिविल जज ज्योति सिंह की अदालत में चल रहे आठ वादों में ठाकुर केशवदेव जी महराज बनाम शाही मस्जिद ईदगाह वाद में अदालत से शाही मस्जिद ईदगाह में हो रही नमाज को रोकने के लिए प्रार्थना की गई है।
शपथ पत्र के साथ दायर किये गए प्रार्थना पत्र में यह भी कहा गया है कि सड़क पर भी नमाज अदा करना रोका जाना चाहिए। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि पहले ईदगाह में नमाज नहीं अदा की जाती थी। लेकिन विपक्षी लोगों ने माहौल खराब करने के मकसद से अब यह काम शुरू कर दिया गया है।
वहीं, अदालत से इसे रोकने को कहा गया है। शपथ पत्र के साथ बुधवार को दिये गए प्रार्थनापत्र में इस वाद के वादी और अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से कहा गया है कि वैसे तो इसपर अब तक कई वाद दायर हो चुके हैं। मगर 1920 में राय किशन दास की तरफ से दायर किये गए वाद में विवादित बना दी गई। भूमि को हिन्दू पक्षकार की होना बताया गया है। प्रार्थनापत्र में इस मस्जिद में नमाज न पढ़े जाने का दावा भी वाद के अधिवक्ता सिंह की ओर से किया गया है।
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प्रार्थनापत्र के अनुसार केशवदेव मन्दिर की 13.47 एकड़ भूमि के एक भाग में शाही मस्जिद जिस स्थान पर बनी हुई है। वहांपर वास्तव में प्राचीन मन्दिर का गर्भ गृह है। जिस मन्दिर को आतताई शासक औरंगजेब ने तुड़वाकर मस्जिद बनाई थी। इस मस्जिद में आज भी शंख, स्वास्तिक, शेषनाग ओम जैसे निशान हैं और विपक्षी जिसे मिटाने के प्रयास में है। प्रार्थनापत्र में यह भी कहा गया है कि मुसलमानों की परंपरा के अनुसार किसी विवादित भूमि या भवन में नमाज नहीं अदा की जाती है। ऐसे में विपक्षी लोगों की ओर से जो नमाज अदा की जा रही है। वह किसी दुर्भावना के तहत ही की जा रही है।
