बरेली: गबन में फंसे डा. सतीश को 300 बेड अस्पताल का बनाया था प्रभारी

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की जांच के लिए आए लोगों के सैंपलों को पैरों से कुचलने की वीडियो वायरल होने के बाद एक और खुलासा समाने आया है। 300 बेड अस्पताल के पूर्व प्रभारी डा. सतीश चंद्रा को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध प्रभारी सीएमएस की कुर्सी पर बैठाया था। इस मामले के …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की जांच के लिए आए लोगों के सैंपलों को पैरों से कुचलने की वीडियो वायरल होने के बाद एक और खुलासा समाने आया है। 300 बेड अस्पताल के पूर्व प्रभारी डा. सतीश चंद्रा को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध प्रभारी सीएमएस की कुर्सी पर बैठाया था। इस मामले के बाद सीबीआई कोर्ट की ओर से जारी पत्र भी वायरल हो रहा है। जिसमें ये लिखा है कि डा. सतीश चंद्रा को प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के अधीन चिकित्सकीय कार्य के लिए तैनात किया जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियमों की अवहेलना करते हुए 300 बेड अस्पताल का प्रभारी सीएमएस बना दिया। जबकि विभागीय अधिकारी अपने बचाव में इस संबंध में कोई जानकारी न होने की बात कह रहे हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार डा. सतीश चंद्रा को वर्ष 2012 में आशाओं के बजट में धांधलेबाजी करने के आरोप में निलंबित किया गया था। मामले में सीबीआई जांच चल रही है। कोरोना की पहली लहर के दौरान शासन की ओर से उनके निलबंन को निरस्त करते हुए तत्कालीन सीएमओ डा. विनीत कुमार शुक्ला को ये पत्र दिया था, जिसमें लिखा था कि डा. सतीश चंद्रा को 300 बेड अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के अधीन सिर्फ चिकित्सकीय कार्य के लिए तैनात किया जा रहा है।

कोरोना की पहली लहर के बाद तत्कालीन सीएमओ डा. एसके गर्ग ने भी निर्देशों का पालन करते हुए डा. सतीश चंद्रा को फ्लू कार्नर में चिकित्सकीय कार्य की ही जिम्मेदारी दी गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में कमी के बाद शासन की ओर से तैनात होकर आए डा. बलवीर सिंह को सीएमओ को जिम्मेदारी मिली। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान कार्यालय से इस पत्र को सीएमओ से छिपाए रखा गया। बीते 26 नवंबर को हजारों सैंपलों को डंप करने का मामला उजागर होने के बाद डा. सतीश चंद्रा को प्रशासनिक जिम्मेदारी दी गई। हालांकि विभागीय अधिकारियों की ओर से ये बताया जा रहा है कि हैंडओवर न होने की वजह से डा. सतीश चंद्रा को प्रभारी बनाया गया। हालांकि वायरल वीडियो के मामले में प्रथम दृष्टया आरोपी मानते हुए उन्हें प्रभारी के पद से हटाया गया है।

सतीश चंद्रा ने बताया कि सारे वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में टूटे सैंपल
वायरल वीडियो की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को होने के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने एडीएम सिटी आरडी पांडेय को मामले की जांच सौंपी है। बुधवार को बयान के दौरान डा. सतीश चंद्रा ने एडीएम सिटी को बताया कि जिस दौरान कोरोना सैंपल तोड़े जा रहे थे। इस दौरान एडी हेल्थ डा. एसके गर्ग, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अखिलेश्वर सिंह, तत्तकालीन प्रभारी डा. पवन कपाही, पूर्व कोरोना सैंपलिंग प्रभारी डा. सीपी सिंह, एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था। लेकिन इस दौरान सैंपल तोड़ते हुए विडियो किसने बनाई इसकी जानकारी नहीं है। वहीं विडियो में सिर्फ मुझे ही दिखाया गया है रंजिशन ऐसा किया गया है।

एडी हेल्थ ने सीएमओ से मांगा स्पष्टीकरण
पूरे मामले में डा. सतीश चंद्रा ने पूर्व में बताया था कि सैंपलों को कुचलने के समय एडी हेल्थ, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी, तत्कालीन प्रभारी व तत्कालीन सैंपलिंग प्रभारी भी मौजूद थे। इस संबंध में एडी हेल्थ डा. एसके गर्ग ने सीएमओ डा. बलवीर सिंह से मामले में पुष्ट साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि वायरल वीडियो के मामले में एडी हेल्थ की मौजूदगी का भी जिक्र किया गया है। जबकि इस संबंध में एडी हेल्थ डा. एसके गर्ग ने बताया कि मंडलायुक्त के निरीक्षण की तैयारियों को दुरस्त कराने के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए वे 300 बेड अस्पताल गए थे। उस समय सीएमओ डा. बलवीर सिंह को भी जानकारी दी गई थी, जबकि सैंपल को कुचलने के समय उनकी मौजूदगी की बात निराधार है।

वर्जन —
डा. सतीश चंद्रा को बिल्डिंग हैंडओवर न होने के चलते प्रभारी सीएमएस बनाया गया था। इस दौरान डा. सतीश चंद्रा से कोई वित्तीय कार्य नहीं लिया गया था। इस पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है।  —डा. बलवीर सिंह, सीएमओ।

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