बरेली: खेलकूद प्रतियोगिता में बच्चों को नंगे पैर दौड़ाया, पैरों में चुभे कंकड़

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बरेली, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दो दिवसीय प्रतियोगिता के पहले दिन 15 स्कूलों के खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स, कबड्डी, खोखो आदि खेलों में प्रतिभाग किया। प्रतियोगिताओं का आरंभ जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सरस्वती माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित व गुब्बारे छोड़कर किया। खेलकूद प्रतियोगिता में …

बरेली, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दो दिवसीय प्रतियोगिता के पहले दिन 15 स्कूलों के खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स, कबड्डी, खोखो आदि खेलों में प्रतिभाग किया। प्रतियोगिताओं का आरंभ जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सरस्वती माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित व गुब्बारे छोड़कर किया। खेलकूद प्रतियोगिता में पानी, खाना, टैंट और फर्स्टएड आदि जैसी मूल व्यवस्थाओं के न होने के कारण बच्चों व शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को सुबह 9 बजे से स्पोर्ट्स स्टेडियम में पहुंचे बच्चों को दोपहर 2 बजे तक भोजन और पानी के लिए परेशान होना पड़ा। पूरी प्रतियोगिता में अनियमितताओं को लेकर शिक्षक भी चर्चा करते रहे। तमाम शिक्षक अपने स्तर से बच्चों को भोजन व पानी की व्यवस्थाएं कराते रहे।

बच्चों को नंगे पैर दौड़ा दिया
प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चों के तन पर न तो स्कूल की ड्रेस दिखी न ही पैर में जूते। नौनिहालों ने पैरों में बगैर जूते के ही 50 से 400 मीटर की दौड़ सहित अन्य खेलों में प्रतिभाग किया। इस दौरान कई बच्चों के पैर में चोट भी आई और पैर में कंकरीट भी चुभे।

बेहोश होते रहे बच्चे, नहीं मिली टेंट की छाव
खेलों के दौरान कई बच्चों की तबीयत खराब हुई। कई बच्चे बेहोश होकर मैदान में ही गिर पड़े। गनिमत रही कि मौजूद स्कूल के शिक्षकों ने आनन फानन में बच्चों को उठाकर तत्काल बाहर उपचार कराया। शिक्षकों ने बताया कि प्रतियोगिता में आए कुछ बच्चों की तबियत खराब होने पर फर्स्ट एड बाक्स का पता किया गया , ताकि तत्काल चोट लगने पर बच्चों की मरहम पट्टी करा दी जाए लेकिन संबंधित के मुताबिक ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया है। एक स्कूल की बच्ची के अचानक से पैर में चोट लगने के कारण लगभग बेहोशी की हालत में बच्ची को बाहर के अस्पताल में ले जाकर उपचार कराया गया।

2:30 तक खाने के लिए तरसते रहे बच्चे
जनपद के कोने- कोने से आए बच्चों को वैसे तो स्कूलों में 12:30 बजे तक भोजन परोस दिया जाता है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में बच्चों को 2:30 बजे तक भोजन नहीं मिला। प्रतियोगिता के दौरान बच्चे पानी के लिए दर-दर भटकते रहे। ऐसे में विवश होकर बच्चे बाहर से पानी की बोतल खरीद कर पीते दिखे। शिक्षकों ने जिम्मेदारी समझते हुए अपने स्कूल के बच्चों को भोजन के पैकेट बांटे और कुछ बच्चे जो घर से टिफिन बॉक्स लेकर पहुंचे थे। देर तक खाना नहीं मिलने पर बाहर लगे ठेले पर विवश होकर बच्चे भूख मिटाने के लिए पहुंचते रहे।

एक अदद टेंट की छांव के लिए तरसे खिलाड़ी
प्रतियोगिता में लगभग 1 हजार से ज्यादा खिलाड़ी पहुंचे थे। धूप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए आराम करने के लिए विभाग की ओर से एक अदद टेंट की व्यवस्था भी नहीं की गई। इसके चलते मैदान पर ही खिलाड़ी लेट कर आराम करते रहे। खेल प्रतियोगिता के दौरान 3 खिलाड़ी अचानक बेहोश होकर गिर पड़े।

सीमित संसाधनों में खिलाड़ियों ने खुद को किया साबित
जनपद स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में जनपद के विभिन्न ब्लॉक के हजारों खिलाड़ियों ने प्रतिभाग कर अपनी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। प्रतियोगिता में जसौली प्राथमिक स्कूल के वारिस ने 100 मीटर बालक वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया। 200 मीटर में मो. आदिल, 400 मीटर में अनिल ने पहला स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग की 50 मीटर दौड़ में करिश्मा ने पहला स्थान प्राप्त किया। 100 मीटर में इल्मा बी, 200 मीटर में आरती और 400 मीटर में आरती को पहला स्थान मिला। विजेता सभी खिलाड़ियों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉज मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर हुए खोखो, कबड्डी, पीटी व अन्य खेलों के परिणाम मंगलवार को प्रतियोगिता के समापन पर जारी किया जाएगा।

वर्जन —
शिक्षकों द्वारा व्यक्तिगत तौर पर बच्चों के लिए खाने – पीने की जो व्यवस्थाएं की गई हैं वही हैं। मैदान पर उपस्थित आयोजकों से कई बार खाना और पानी की पर्याप्त व्यवस्था कराने के लिए कहा गया है। 2:15 बजे तक बच्चे खाना नहीं मिलने से भूख से परेशान होते रहे। –अरूणेश शर्मा, प्रधानाध्यापक, मॉडल किशोर बाजार

इससे पूर्व की न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिताओं में भी विभाग की ओर से सहयोग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। जबकि शिक्षकों ने अपने दम पर पूरी प्रतियोगिता की व्यवस्थाएं की थी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में भी विभाग की ओर से यही किया गया है। दोपहर बाद तक बच्चों को न खाना मिला है, पानी के लिए भी बच्चें परेशान हो रहे हैं।
—भानु प्रताप सिंह, जिलाध्यक्ष, यूटा

प्रतियोगिता में अधिकारी स्तर से लापरवाही बरती गई हैं। बच्चों के स्वास्थ्य और सूरक्षा को देखते हुए किसी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं कराई गई हैं।
–अंकित, शिक्षक, प्राथमिक स्कूल, मझगवां

जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की तादात बहुत ज्यादा है। विभाग की ओर से खाने की और पीने की पानी की पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं।
—विनय कुमार, बीएसए, बरेली

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