हल्द्वानी: रसोई के कचरे से मिलेगी बायो गैस, ट्रंचिंग ग्राउंड में लगेगा प्लांट
हल्द्वानी, अमृत विचार। रसोई का कचरा जल्द ही बड़ी राहत बनकर उपयोगी साबित हो सकता है। नगर निगम बायो गैस प्लांट लगाने की तैयारी में है। इसको लेकर दिल्ली की कंपनियों के साथ वार्ता शुरू कर दी गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। सफलता मिलने …
हल्द्वानी, अमृत विचार। रसोई का कचरा जल्द ही बड़ी राहत बनकर उपयोगी साबित हो सकता है। नगर निगम बायो गैस प्लांट लगाने की तैयारी में है। इसको लेकर दिल्ली की कंपनियों के साथ वार्ता शुरू कर दी गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। सफलता मिलने पर शहर के लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात साबित होने का दावा किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के कई बड़े महानगरों में नगर निगम के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जरिए बायो गैस प्लांट लगाए जाने की योजना है। रसोई गैस से निकलने वाले खाद्य पदार्थों के रूप में कचरा और गोबर आदि का उपयोग कर गैस बनाने की योजना है। शहर में भी इसे लाने का प्रयास किया जा रहा है। बायो गैस प्लांट के लिए मशीनों से लेकर उसके खर्चे, रखरखाव अन्य जरूरतों को लेकर चर्चा की जा रही है। मेयर डॉ. जोगेंद्र रौतेला खुद इस प्रोजेक्ट को लेकर तैयारी में जुटे हैं। इसको लेकर उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से प्रोजेक्ट की बारीकियों को समझा।
अभी बायोगैस प्लांट को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन कचरे की स्थिति का आंकलन और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं। प्रस्ताव को कार्यकारिणी और फिर बोर्ड की बैठक में भी रखा जाएगा।
गीले कचरे का अलग रखा जाएगा रिकार्ड
नगर निगम गीले कचरे का रिकार्ड तैयार करेगी। प्रतिदिन घरों से आने वाला कचरा कितना है। सौ फीसदी घरों से गीला कचरा मिल रहा है या नहीं, इन सभी बिंदुओं को आंकड़ों के रूप में रखा जाएगा। वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल के अनुसार मशीनों की क्षमताएं अलग-अलग होती हैं। इसलिए सामान्य तौर पर जितना गीला कचरा इकट्ठा होता है, उसके सापेक्ष ही मशीन का चुनाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हल्द्वानी के अलावा नैनीताल, भीमताल और लालकुआं से गीला व सूखा कचरा करीब 180 से 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन ट्रंचिंग ग्राउंड पहुंच रहा है।
बायो गैस प्लांट लगाने की योजना है। इस प्लांट को लेकर बारीकियों को समझा जा रहा है। कोशिश रहेगी कि इस प्रोजेक्ट से जनता को लाभ पहुंचे। – डॉ. जोगेंद्र रौतेला, मेयर
