बरेली: कान्हा गोशाला की अनियमितताओं में फंसे ईओ

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बरेली, अमृत विचार। नगर पंचायत धौराटांडा के अधिकारियों की लापरवाही से कान्हा गोशाला में गोवंशों की जान खतरे में पड़ी है। मानकों के अनुसार हरा चारा नहीं मिलने और बीमार रहने की वजह से एक गाय की मौत सामने आई लेकिन माना जा रहा है कि कई गाय दम तोड़ चुकी हैं। मरने वाली गायों …

बरेली, अमृत विचार। नगर पंचायत धौराटांडा के अधिकारियों की लापरवाही से कान्हा गोशाला में गोवंशों की जान खतरे में पड़ी है। मानकों के अनुसार हरा चारा नहीं मिलने और बीमार रहने की वजह से एक गाय की मौत सामने आई लेकिन माना जा रहा है कि कई गाय दम तोड़ चुकी हैं। मरने वाली गायों का रिकार्ड भी गोशाला में नहीं रखा गया है। गोवंशों को हरा चारा नहीं देने, टैगिंग न कराने, बीमार गोवंशों का इलाज नहीं होने समेत अन्य शिकायतें डीएम को मिलीं।

उनके निर्देश पर एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र ने शुक्रवार को गोशाला में जांच की। अनियमितताएं सामने आईं। एसडीएम सदर ने शनिवार को गोशाला की अनियमितताओं की पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह को सौंप दी। उस रिपोर्ट को देखने के बाद जिलाधिकारी ने नगर पंचायत धौराटांडा देवेंद्र प्रताप गौतम के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी है। बताते हैं कि ईओ को निलंबित करने की संस्तुति की है।

डीएम ने फेसबुक पर भी लिखा है कि गोशाला की अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जांच कराई गई। जांच में मालूम हुआ कि धौराटांडा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी द्वारा गोवंशों के रखरखाव में कोई रूचि नहीं ली जा रही है। आहार व हरा चारा भी नहीं दिया जा रहा है। सर्दी का प्रकोप बढ़ने के बाद भी अभी तक गोवंशों को सर्दी से बचाने के लिए प्रभावी व्यवस्था नहीं कराई गई है। जांच में ईओ नगर पंचायत की कमियां प्रकाश में आई हैं।

गोशाला में नहीं गोवंशों का कोई रिकार्ड, रजिस्टर नहीं बनाया
एसडीएम सदर ने बताया कि गोशाला में कोई रिकार्ड नहीं है। कब से यहां गोवंश हैं। बीच-बीच में कहां-कहां से आए हैं। कितनी गोवंश अब तक मर चुके हैं। कितनी बीमार हैं। डाक्टर कब-कब जांच करने आए हैं। हरा चारा समेत अन्य चीजें खरीदने तक का रजिस्टर गोशाला में नहीं बनाया गया है। सबकुछ ऐसे ही चल रहा है। ऐसे में अनियमितताएं होना लाजिमी है।

पांच सौ मीटर पैदल चलकर गोशाला तक पहुंचते हैं नहीं कोई रास्ता
एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र ने बताया कि गोशाला मुख्य सड़क से करीब पांच सौ मीटर दूर है लेकिन वहां तक कोई वाहन लेकर नहीं जा सकता है। पैदल ही जाया जा सकता है। वह दो बार पांच सौ मीटर पैदल चलकर गोशाला की जांच करने गए हैं। खेत की मेड़ पर चलकर ही जाना हुआ है। पिछली बार निरीक्षण के बाद नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को कच्चा रास्ता बनाने के लिए भूमि चयनित करके भी दे दी थी लेकिन ईओ ने रास्ता नहीं बनवाया। जबकि जेसीबी से मिट्टी खुदवाकर रास्ता बनाने के लिए कहा था।

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