बरेली: 3.61 करोड़ का चावल हड़पा, राइस मिल सीज
बरेली/फतेहगंज पूर्वी, अमृत विचार। सरकारी चावल पूर्व में कई राइस मिलें हड़प चुकी हैं। एफआईआर भी कराई गई लेकिन खाद्य एवं विपणन विभाग न ही भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लिया। लापरवाही की वजह से इस बार फतेहगंज पूर्वी की राइस मिल सार इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने घोटाला …
बरेली/फतेहगंज पूर्वी, अमृत विचार। सरकारी चावल पूर्व में कई राइस मिलें हड़प चुकी हैं। एफआईआर भी कराई गई लेकिन खाद्य एवं विपणन विभाग न ही भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लिया। लापरवाही की वजह से इस बार फतेहगंज पूर्वी की राइस मिल सार इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने घोटाला कर दिया।
राइस मिलर आशीष मोहन ने 36178316 रुपये की धनराशि का चावल हड़प लिया। जांच में खुलासा होने पर 1 दिसंबर को राइस मिल सीज कर दी। इसके बाद राइस मिलर ने पूर्व में सीज किए गए धान और चावल बेच दिया। सत्यापन में चावल गायब मिला। सरकारी धान व चावल की धोखाधड़ी के मामले में राइस मिलर्स के विरुद्ध एफआईआर करायी गयी है। पुलिस आरोपी मिलर्स की तलाश में जुटी है। मिल का मालिक फरार बताया गया है।
खाद्य विभाग के फरीदपुर, गौसगंज तिराहा, अहरौला चौराहा, बडरा कासमपुर और महमूदापुर कुल पांच केंद्रों का 55520.40 क्विंटल धान कुटाई के लिए राइस मिल सार इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड फतेहगंज पूर्वी को दिया गया था। धान क्रय नीति के तहत राइस मिल को 67 प्रतिशत रिकवरी दर से कुल 37198.668 क्विंटल चावल (सीएमआर) भारतीय खाद्य निगम में भिजवाना था। शत प्रतिशत चावल की डिलीवरी कराने के बाद ही राइस मिलर की देयता समाप्त होनी थी। मिलर्स ने देयता के सापेक्ष 23786.85 क्विंटल चावल का ही भिजवाया। 1341.818 क्विंटल चावल मिलर्स पर अवशेष था।
उप जिलाधिकारी की जांच में मिलर्स पर बकाया 1341.818 क्विंटल चावल के सापेक्ष 10788 क्विंटल धान तथा 6758.44 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया गया था। मिलर द्वारा भारतीय खाद्य निगम में सीएमआर डिलीवरी के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक चावल न भिजवाने पर विभाग द्वारा मिल पर अवशेष 10788 क्विंटल धान और 6758.44 क्विंटल चावल व अन्य मशीनरी पार्ट विभाग के पक्ष में सीज कर दिया गया। क्रय नीति के अनुसार राइस मिलर के विरुद्ध बकाया चावल मात्रा 1341.818 क्विंटल की वसूली के लिए धनराशि 41469316 रुपये की आरसी जारी की गई।
उक्त आरसी के सापेक्ष मिलर ने 3550000 रुपये जमा किए। मिलर के बिलों से 1741000 समायोजित किया गया। मिलर पर अद्यतीन 36178316 रुपये बकाया है। 1 दिसंबर को मिल सीज की गई। मात्रा का सत्यापन किया गया। जिसमें पाया गया कि मिलर्स द्वारा पूर्व में सीज किए गए धान और चावल की मात्रा मिल पर उपलब्ध नहीं पायी गयी। स्पष्ट है कि मिलर द्वारा सीज किए गए धान/चावल को बेचकर सरकारी संपत्ति का गबन कर लिया गया।
इस प्रकरण में छीटपुर के प्रेसधर पटरी कंधई प्रतापगढ़ निवासी क्षेत्रीय विपणन अधिकारी मुनींद्र नाथ पटेल की तहरीर पर राइस मिलर सार इम्पैक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर आशीष मोहन पुत्र रमेश चंद्र सक्सेना के विरुद्ध सरकारी धान/चावल को गबन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
कार्डधारकों को बंटने वाले खाद्यान्न का हुआ है गबन
इस सरकारी चावल (सीएमआर) केंद्रीय पूल के तहत भारतीय खाद्य निगम में डिलीवर होकर उसका विवरण राज्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत होना था। इस प्रकार मिलर्स द्वारा सरकारी चावल का गबन तो किया ही गया। साथ ही राज्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बंटने वाले खाद्यान्न का गबन किया गया है। इस प्रकार इस प्रणाली व कंट्रोल आर्डर 2004 एवं क्रय नीति 2021 के प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन है।
