‘शौर्य और साहस का दूसरा नाम थे जनरल बिपिन रावत’

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बरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत ने राजेन्द्र नगर स्थित संस्था कार्यालय पर देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत एवं वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों समेत 13 की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत होने पर श्रद्धांजलि सभा की। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश …

बरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत ने राजेन्द्र नगर स्थित संस्था कार्यालय पर देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत एवं वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों समेत 13 की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत होने पर श्रद्धांजलि सभा की। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष साहित्य भूषण सुरेश बाबू मिश्रा ने बताया कि जनरल बिपिन रावत 1 जनवरी 2020 को पहले सीडीएस बने थे। शौर्य और साहस का दूसरा नाम थे जनरल बिपिन रावत।

सेना में दी असाधारण सेवाओं के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। प्रांतीय संयुक्त मंत्री रोहित राकेश ने कहा- पहली गोली हमारी नहीं होगी पर उसके बाद हम गोलियों की गिनती नहीं करेंगे। ऐसा कहने वाले बिपिन रावत के निधन का समाचार बहुत पीड़ादायक है। प्रांतीय संरक्षक डॉ एनएल शर्मा ने बताया कि बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया था। बरेली कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ एसपी मौर्य, गुलाब राय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ एसपी पांडे, डॉ रवि प्रकाश शर्मा, प्रवीण शर्मा, दीपंकर गुप्त, आनंद गौतम, प्रमोद अग्रवाल, गुरविंदर सिंह, एसके अरोरा ने श्रद्धांजलि दी।

देश के सर्वोच्च रैंक के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ व पूर्व सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत एवं उनकी पत्नि सहित कई सैन्य अधिकारियों की हैलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत देश के लिए बड़ी क्षति है। कुदरत उनके परिवार व अन्य सभी को इस क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें। मै गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। -डा. जयपाल सिंह, जिलाध्यक्ष बसपा

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का निधन अत्यंत दुखद है। जनरल रावत ने एक सैन्य अधिकारी के रूप में बेहतरीन कार्य किया। उनका आकस्मिक निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करता हूं। -पवन शर्मा, जिलाध्यक्ष, भाजपा

देश को मजबूती दिलाने में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने निभाई थी प्रमुख भूमिका
तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में बुधवार को विमान हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन से पूरे देश को क्षति पहुंची है। सेना के सबसे ऊंचे ओहदे तक पहुंचे सीडीएस रावत उस विभूति पुरुष की तरह जाने जाएंगे, जिन्होंने भारत की सेनाओं को सशक्त करने, समन्वयित करने और देश की रक्षा के कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने को अपना जीवन समर्पित कर दिया। बता दें कि हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत पर बरेली के पूर्व सैनिकों ने शोक जताया है।

एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश अध्यक्ष व रिटायर्ड नेवी ऑफिसर जसवंत सिंह भाकुनी ने बताया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अपने शानदार करियर में परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना पदक, विशिष्ट सेवा मेडल समेत कई सम्मान हासिल किए। उन्होंने कई कठिन सैन्य जरूरतों के वक्त चुनौतियों को सफलता में बदलने का काम भी किया था।

पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी बरेली ले. कर्नल एलएन त्रिवेदी रि. ने बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपने कार्यकाल के दौरान सेना के आधुनिककरण पर जोर दिया। इसके साथ ही सैन्य रणनीति को एकीकृत कमांड व्यवस्था थियेटर कमांड अवधारणा लाने में सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी की विशेष भूमिका रही थी। ये सैन्य इतिहास में काला दिन है।

भारतीय वायु सेना में तैनात रहे कारपोरल रि. धनजंय शर्मा ने बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पास अशांत इलाकों में लंबे समय तक काम करने का अनुभव था। भारतीय सेना में रहते उभरती चुनौतियों से निपटने, नॉर्थ में मिलटरी फोर्स के पुनर्गठन, पश्चिमी फ्रंट पर लगातार जारी आतंकवाद व प्रॉक्सी वॉर और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष के लिहाज से उन्हें सबसे सही विकल्प माना जाता था। सर्जिकल स्ट्राइक और एलएसी पर भारत के रुख में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अपनी बहादुरी एवं साहस के लिए जनरल बिपिन रावत सदैव ही हमारे दिलों में अमर रहेंगे।

कारगिल विजेता प्रथमेश गुप्ता ने बताया कि भारतीय सेना को संगठित करने में जनरल बिपिन रावत का अहम रोल रहा है। उन्होंने सेना के ऊपर प्रशासनिक दबाव कम कराया था और सैन्य क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया था। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन से भारत माता ने एक सच्चा सपूत खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है।

भारतीय नौसेना में रेडियो टेलीकॉम विभाग में तैनात रहे पेटी ऑफीसर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने साउथ कमांड की कमान संभालते हुए उन्होंने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइजड-वॉरफेयर के साथ-साथ एयरफोर्स और नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाया था। तीनों ही सेना के लिए एक बड़ी क्षति है।

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